येदियुरप्पा सरकार का फैसला, कर्नाटक में नहीं मनेगी टीपू सुल्तान जयंती
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येदियुरप्पा सरकार का फैसला, कर्नाटक में नहीं मनेगी टीपू सुल्तान जयंती

कर्नाटक में सत्‍ता संभालते ही येदियुरप्‍पा सरकार ने फैसला लेते हुए कन्‍नड़ और संस्‍कृति विभाग को टीपू सुल्‍तान जयंती नहीं मनाने का आदेश दिया है.

येदियुरप्पा सरकार का फैसला, कर्नाटक में नहीं मनेगी टीपू सुल्तान जयंती

बेंगलुरू: कर्नाटक में सत्‍ता संभालते ही येदियुरप्‍पा सरकार ने फैसला लेते हुए कन्‍नड़ और संस्‍कृति विभाग को टीपू सुल्‍तान जयंती नहीं मनाने का आदेश दिया है. सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला लिया गया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि मैंने टीपू जयंती समारोह को शुरू किया था. मेरी नजर में टीपू सुल्‍तान पहला स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी था. उन्‍होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. बीजेपी के लोग सेक्‍युलर नहीं है. हमें उम्मीद थी कि बीजेपी आएगी तो ये फैसला रद करेगी. हम इसका विरोध करेंगे. अभी कोई कैबिनेट में नहीं है. मुख्‍यमंत्री अकेले हैं और इस तरह का फैसला लिया है. ये सवाल रोशन बेग से भी पूछा जाना चाहिए जो कांग्रेस से पलटी मार के बीजेपी में गए हैं.
ये रोशन बैग से पूछना पड़ेगा, कांग्रेस से पलटी मार के बीजेपी में गया है.

विधानसभा में येदियुरप्पा ने विश्वास मत जीता
उल्‍लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को विधानसभा में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया. विधानसभा अध्यक्ष के.आर रमेश कुमार ने सदन में घोषणा की, "येदियुरप्पा ने ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव जीता है, ना के मुकाबले हां की संख्या ज्यादा रही. विपक्ष के नेता (सिद्धारमैया) द्वारा वोटों के विभाजन की मांग नहीं की गई, मैं प्रस्ताव को पारित घोषित करता हूं, यह सदन में उनका बहुमत साबित करता है."

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इससे पहले येदियुरप्पा ने सदन के पूर्वान्ह 11.05 बजे शुरू होने पर एक लाइन का विश्वास मत प्रस्ताव रखा. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें बिना चर्चा के विश्वास मत प्रस्ताव हासिल करने की इजाजत देने के बाद येदियुरप्पा ने कहा, "मैं सदन में दोनों तरफ के सभी सदस्यों का समर्थन मांगते हुए प्रस्ताव रखता हूं और इसके पक्ष में सर्वसम्मति से वोट देने की अपील करता हूं."

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कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के इस प्रस्ताव के खिलाफ बोले जाने के बाद प्रस्ताव पर ध्वनि मत से वोट किया गया. सदन की प्रभावी संख्या विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस व जद एस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद घटकर 208 रह गई है. भाजपा को 106 सदस्यों का समर्थन हासिल है. इसमें एक निर्दलीय एच. नागेश शामिल हैं.

इसके विपरीत गठबंधन सहयोगियों के पास सिर्फ 100 सदस्य हैं. इसमें कांग्रेस के 66 व जद (एस) के 34 शामिल हैं, जो 105 के बहुमत के आकड़े से दूर है. भाजपा की विजय का सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया और विपक्ष ने असहमति जताई.

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि 25 जुलाई को पद संभालने के बाद उन्होंने घोषणा की कि राज्य के सभी किसानों को 4000 की राशि दी जाएगी. यह केंद्र सरकार के 6,000 रुपये के अतिरिक्त होगी, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (योजना) के तहत दी जाती है. येदियुरप्पा ने कहा, "हम राज्य भर के बुनकरों द्वारा 31 मार्च 2019 तक के कर्ज को ब्याज के साथ माफ कर रहे हैं. इसके लिए हम बैंकों को 100 करोड़ का मुआवजा दे रहे हैं." कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दीं और भाजपा सरकार को रचनात्मक सहयोग देने की बात कही.

(इनपुट: एजेंसी IANS से भी)

 

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