महिला को 4 संकेत इग्रोर करना पड़ा भारी, 33 की उम्र में हुई स्टेज-4 ब्रेस्ट कैंसर की शिकार
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महिला को 4 संकेत इग्रोर करना पड़ा भारी, 33 की उम्र में हुई स्टेज-4 ब्रेस्ट कैंसर की शिकार

अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाली 33 वर्षीय नर्स क्रिस्टी हैल्पिन ने जो झेला, वह किसी भी महिला के लिए एक गंभीर चेतावनी है. उनके शरीर ने महीनों तक चेतावनी संकेत दिए, लेकिन इनका उन्होंने ध्यान नहीं दिया.

महिला को 4 संकेत इग्रोर करना पड़ा भारी, 33 की उम्र में हुई स्टेज-4 ब्रेस्ट कैंसर की शिकार

अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाली 33 वर्षीय नर्स क्रिस्टी हैल्पिन ने जो झेला, वह किसी भी महिला के लिए एक गंभीर चेतावनी है. उनके शरीर ने महीनों तक चेतावनी संकेत दिए, लेकिन इनका उन्होंने ध्यान नहीं दिया. नतीजतन, उन्हें स्टेज-4 ब्रेस्ट कैंसर का सामना करना पड़ा, जो उनके दोनों स्तनों से शुरू होकर रीढ़, फेफड़ों और पसलियों तक फैल चुका था.

क्रिस्टी ने बताया कि शुरुआती महीनों में उन्हें अचानक वजन कम होना, थकान, शरीर पर अजीबोगरीब चोट के निशान और पीठ दर्द जैसे लक्षण महसूस हुए. लेकिन उन्होंने इसे अपनी डिलीवरी के बाद शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव और सामान्य लाइफस्टाइल की थकावट समझा. अक्टूबर 2022 में उनके बेटे के जन्म के बाद, वह मानती रहीं कि वजन कम होना 'सौभाग्य' है और थकान नवजात की देखभाल का परिणाम है.

गंभीर समस्या का सामना
अगस्त 2023 में जब पीठ दर्द असहनीय हो गया, तब उन्होंने एक हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क किया. कोई राहत नहीं मिलने पर, उन्होंने अक्टूबर में इमरजेंसी रूम का दौरा किया. लेकिन वहां भी उनकी समस्या को गॉल ब्लैडर की गड़बड़ी मानते हुए मामूली जांच के बाद उन्हें घर भेज दिया गया. इस बीच, उन्होंने अपने स्तन में बदलाव महसूस किया. उनके निप्पल में एक असामान्य बदलाव दिखा, जिसमें यह अंदर की ओर धंसा हुआ प्रतीत हुआ. इसके साथ ही, एक गांठ भी महसूस हुई. क्रिस्टी ने तुरंत मैमोग्राम कराया, लेकिन रिपोर्ट में कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई. डॉक्टरों ने इसे केवल एक सिस्ट बताया.

सही समय पर लिया निर्णय
मैमोग्राम से संतुष्ट न होने पर, उन्होंने एक ब्रेस्ट कैंसर सर्जन से संपर्क किया. सर्जन ने बायोप्सी कराने का सुझाव दिया. बायोप्सी के पांच दिन बाद, उन्हें पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है, जो हड्डियों, फेफड़ों और पसलियों तक फैल चुका है.

इलाज और चेतावनी
क्रिस्टी ने बताया कि उनके डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी की सिफारिश की, जिससे उनके ट्यूमर को फैलने से रोका जा सके. फिलहाल, उनका इलाज चल रहा है और कैंसर कंट्रोल में है, लेकिन इसे 'टर्मिनल' यानी लाइलाज माना जा रहा है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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