Arthritis: अब बड़ी उम्र का रोग नहीं है गठिया, कम उम्र के इन लोगों में बढ़ जाता है खतरा
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Arthritis: अब बड़ी उम्र का रोग नहीं है गठिया, कम उम्र के इन लोगों में बढ़ जाता है खतरा

युवा वर्ग में दोनों ही तरह के गठिया के मामले बढ़ रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार, देश में युवा वर्ग की करीब 2 प्रतिशत आबादी रूमेटॉइड आर्थराइटिस से ग्रस्त है. 22 से 40 आयु वर्ग में आरए के मामले बढ़त पर हैं. 

Arthritis: अब बड़ी उम्र का रोग नहीं है गठिया, कम उम्र के इन लोगों में बढ़ जाता है खतरा

दुनियाभर में कम उम्र में गठिया एक बड़ी समस्या बन रहा है. यही वजह है कि गठिया के बारे में जागरूक फैलाना बेहद जरूरी हो गया है किसी चोट के बगैर जोड़ों में सूजन, जकड़न और दर्द बने रहने की स्थिति को गठिया कहते हैं. इसके 100 से अधिक प्रकार हैं, पर प्रमुख रूप से दो तरह के गठिया हैं, ऑस्टियो आर्थराइटिस (ओए) और रूमेटॉइड आर्थराइटिस (आरए).

युवा वर्ग में दोनों ही तरह के गठिया के मामले बढ़ रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार, देश में युवा वर्ग की करीब 2 प्रतिशत आबादी रूमेटॉइड आर्थराइटिस से ग्रस्त है. 22 से 40 आयु वर्ग में आरए के मामले बढ़त पर हैं. उम्र बढ़ने के बाद जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं, जो कालांतर में गठिया की समस्या उत्पन्न करते हैं. ऑस्टियो आर्थराइटिस का सबसे अधिक असर घुटनों पर होता है. इसके लक्षण जोड़ों खासकर घुटनों में सूजन, जकड़न व दर्द का बने रहना, झुकते व वजन उठाते पर दर्द, कुछ लोगों को सुबह उठने पर कुछ देर तक दर्द महसूस होता है और चलने-फिरने या फिर सीढ़ियां चढ़ने उतरने में दिक्कत.

किन्हें है ज्यादा खतरा?
- जेनेटिक कारण
- किसी दुर्घटना या खेल के दौरान जोड़ों का चोटिल होना
- बहुत अधिक धूम्रपान करना
- विटामिन डी की कमी होना. कुदरती रूप से विटामिन डी सूर्य की किरणों में पाया जाता है
- देर तक गलत पॉस्चर में रहना भी जोड़ों पर बुरा असर डालता है
- महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान, माहवारी बंद होने या बच्चादानी निकल जाने के बाद से हड्डियों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसीलिए महिलाओं को 40 के बाद नियमित व्यायाम व कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है.

गठिया में क्या खाएं और क्या नहीं
गठिया के मरीजों को हरी पत्तेदार सब्जियां, लहसुन, अदरक, टमाटर, कद्दू, फलियां, हल्दी और ब्रोकली का सेवन करना चाहिए. इनमें एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, जंक फूड्स, प्रोसेस्ड फूड्स, चिकनाई वाला फूड, अधिक ठंडी चीजें, नमक, चीनी, मैदा, नॉन वेज और शराब का कम सेवन नहीं करना चाहिए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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