हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा जारी किए गए एक शोध के अनुसार, 2045 तक ब्रेस्ट कैंसर के मामलों और मृत्यु दर में तेजी से बढ़ोतरी होने की आशंका है.
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भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है और इसकी उच्च मृत्यु दर एक प्रमुख पब्लिक हेल्थ समस्या बन गई है. हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा जारी किए गए एक शोध के अनुसार, 2045 तक ब्रेस्ट कैंसर के मामलों और मृत्यु दर में तेजी से बढ़ोतरी होने की आशंका है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी का प्रारंभिक चरण में पता चलने से उपचार के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं और इससे मरीजों के जिंदा रहने की दर में सुधार हो सकता है.
अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति सचेत किया जा सके. डॉक्टरों ने बताया है कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों में सबसे आम है ब्रेस्ट में गांठ होना. यह बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकती है, इसलिए नियमित सेल्फ एग्जामिनेशन और स्क्रीनिंग की सलाह दी गई है.
ब्रेस्ट कैंसर के अन्य संकेत
दिल्ली एम्स के डॉ. बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर, डॉ. अभिषेक शंकर ने बताया कि ब्रेस्ट में गांठ के अलावा बांह के नीचे या कॉलरबोन के पास सूजन, निप्पल से डिस्चार्ज और ब्रेस्ट की त्वचा में बदलाव भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही, ब्रेस्ट या निप्पल की त्वचा पर लालिमा या दाने, ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन, और ब्रेस्ट में दर्द जैसे लक्षण भी गंभीर संकेत हैं.
ICMR के अनुसार, 2022 में भारत में सभी महिला कैंसरों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की हिस्सेदारी 28.2% रही. भारत में ब्रेस्ट कैंसर के लिए 5 साल की जीवित रहने की दर 66.4% है. विशेषज्ञों ने मैमोग्राफी को एक मानक स्क्रीनिंग टेस्ट बताया है, जो ब्रेस्ट कैंसर की मृत्यु दर को कम करने में सहायक साबित हुआ है.
बिना लक्षणों के भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर
नई दिल्ली द्वारका के मणिपाल अस्पताल की डॉ. दिव्या सेहरा ने कहा कि बिना लक्षणों के भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है, इसलिए मैमोग्राम और ब्रेस्ट एमआरआई से स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण है. इससे मृत्यु दर में 30% से अधिक की कमी देखी गई है. विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती पता चलने से उपचार में सफलता की संभावना बढ़ जाती है और इससे जान बचाई जा सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.