कुत्तों के बाल बहुत गर्म होते हैं, इसलिए उनसे सर्दियों के लिए मोजे भी बनाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं, गठिया से पीड़ित रोगियों के लिए भी कुत्तों के बाल से बने कपड़े फायदेमंद हो सकते हैं.
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हाल के दिनों में, इटली समेत कई यूरोपीय देशों में चिएंगोरा ऊन से बने कपड़ों का क्रेज बढ़ रहा है. इसकी वजह है चिएंगोरा ऊन की गुणवत्ता और महंगाई. चिएंगोरा ऊन से बने कपड़े बहुत ही आरामदायक और लंबे समय तक चलते हैं. इसके अलावा, चिएंगोरा ऊन से बने कपड़े बहुत ही महंगे होते हैं, जिससे वे एक तरह की स्टेटस सिंबल बन गए हैं. चिएंगोरा ऊन कुत्तों के बालों से तैयार किया जा रहा है. कुत्तों के बाल से अच्छी गुणवत्ता के कपड़े तैयार किए जा रहे हैं और इनकी मुलायम रेशों की तुलना कश्मीरी पश्मीना ऊन से की जा रही है.
कुछ सालों से, ल्हासा आप्सो और चिएंगोरा जैसी 18 प्रजातियों के कुत्तों के बालों का व्यवसाय चल रहा है. इसकी शुरुआत इटली में हुई थी. अब जर्मनी में अकेले 1600 टन कुत्तों के बालों से ऊन और कपड़े बनाए जा रहे हैं. इन ऊन की तुलना विकुना ऊन से की जा रही है, जो दुनिया में सबसे महंगी ऊन में से एक है. इससे बने धागों की कीमत लगभग 35 हजार रुपये प्रति किलो है.
गठिया से पीड़ित रोगियों के लिए कपड़े फायदेमंद
जेग्ना जैसे शीर्ष फैशन हाउस इसका इस्तेमाल महंगे स्वेटर बनाने के लिए करते हैं. कुत्तों के बाल बहुत गर्म होते हैं, इसलिए उनसे सर्दियों के लिए मोजे भी बनाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं, गठिया से पीड़ित रोगियों के लिए भी कुत्तों के बाल से बने कपड़े फायदेमंद हो सकते हैं.
चिएंगोरा ऊन की विशेषताएं
- यह बहुत ही नरम और मुलायम होता है.
- यह बहुत ही गर्म होता है और शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है.
- यह बहुत ही हल्का होता है और पहनने में आरामदायक होता है.
- यह बहुत ही मजबूत और टिकाऊ होता है.
- यह नमी को दूर करता है और शरीर को सूखा रखता है.
- यह गंध को अवशोषित नहीं करता है.
केमिकल से बालों को मुलायम बनाया जाता है
भारत में पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर सुरजीत राममूर्ति ने कुत्ते के बालों की किस्मों पर शोध किया है. सुरजीत के अनुसार, कुछ कुत्ते के बाल ऊंटों के बालों से भी ज्यादा कड़े होते हैं, लेकिन केमिकल से उन्हें मुलायम बनाया जाता है.