Kissing Pet: कुत्ते-बिल्ली को चूमना कितना खतरनाक? धीमे से शरीर को जकड़ लेंगी ये बीमारियां; जा सकती है जान!
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Kissing Pet: कुत्ते-बिल्ली को चूमना कितना खतरनाक? धीमे से शरीर को जकड़ लेंगी ये बीमारियां; जा सकती है जान!

Animal Borne Diseases: आमतौर पर कुत्ते के मुंह और लार में कैप्नोसाइटोफागा बैक्टीरिया रहते हैं, जो करीबी संपर्क या काटने से लोगों में फैल सकता है. अधिकांश लोग बीमार नहीं पड़ेंगे, लेकिन ये बैक्टीरिया कभी-कभी कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसके कारण गंभीर बीमारी हो सकती है.

Kissing Pet: कुत्ते-बिल्ली को चूमना कितना खतरनाक? धीमे से शरीर को जकड़ लेंगी ये बीमारियां; जा सकती है जान!

Diseases Caused by Dog-Cat: हाल के दशकों में पालतू जानवरों को पालने का चलन बढ़ा है. पालतू जानवर रखना कई मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के फायदों से जुड़ा हुआ है, लेकिन हमारे पालतू जानवर संक्रामक रोगों को भी फैला सकते हैं जो कभी-कभी हम तक भी पहुंच सकते हैं. अधिकांश लोगों के लिए, जोखिम कम है.

लेकिन गर्भवती महिलाओं और जिन लोगों की कमजोर इम्युनिटी है, उनको जानवरों से बीमार होने का अधिक खतरा होता है. इसलिए, जोखिमों को जानना और संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी सावधानी बरतना अहम है.

पालतू जानवरों से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?

  • जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रामक रोगों को जूनोटिक रोग या जूनोज कहा जाता है. साथ रहने वाले जानवरों के 70 से ज्यादा कीटाणु लोगों में फैल सकते हैं.

  • कभी-कभी, पालतू जानवर जिसमें जूनोटिक कीटाणु होता है वह बीमार लग सकता है. लेकिन अक्सर कोई दिखाई देने वाला लक्षण नहीं होता, जिससे आपके लिए संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि आपको अपने पालतू जानवर में कीटाणु के होने का शक नहीं होता.

  • जूनोज सीधे पालतू जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जैसे लार, शारीरिक तरल पदार्थ और मल के संपर्क के जरिए, या अप्रत्यक्ष रूप से, जैसे दूषित बिस्तर, मिट्टी, भोजन या पानी के संपर्क के जरिए.

  • स्टडी से पता चलता है कि पालतू जानवरों से जुड़े जूनोज का प्रसार कम है. हालांकि, संक्रमणों की असल संख्या को कम करके आंका गया है क्योंकि कई जूनोज सूचित करने योग्य नहीं हैं, या उनके कई एक्सपोजर रास्ते या सामान्य लक्षण हो सकते हैं.

कुत्ते और बिल्लियों में वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट के कारण होने वाले जेनोटिक संक्रमण (जिसका मतलब है कि कीटाणु स्वाभाविक रूप से उनकी आबादी में रहते हैं) पाए जाते हैं. अफ्रीका और एशिया के स्थानिक क्षेत्रों में, कुत्ते रेबीज का मुख्य स्रोत हैं जो लार से फैलता है.

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आमतौर पर कुत्ते के मुंह और लार में कैप्नोसाइटोफागा बैक्टीरिया रहते हैं, जो करीबी संपर्क या काटने से लोगों में फैल सकता है. अधिकांश लोग बीमार नहीं पड़ेंगे, लेकिन ये बैक्टीरिया कभी-कभी कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं, जिसके कारण गंभीर बीमारी हो सकती है और किसी किसी स्थिति में मौत भी हो सकती है. अभी पिछले हफ्ते ही पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ऐसी मौत की खबर आई थी.

बिल्ली से जुड़े जूनोज में मल-मुंह के रास्ते फैलने वाली कई बीमारियां शामिल हैं, जैसे जिआर्डियासिस, कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस, साल्मोनेलोसिस और टॉक्सोप्लाज्मोसिस. इसका मतलब यह है कि अपनी बिल्ली की कूड़े की ट्रे को संभालते समय अपने हाथ धोना या दस्ताने का इस्तेमाल करना खास तौर से जरूरी है.

बिल्लियां कभी-कभी काटने और खरोंच से भी संक्रमण फैला सकती हैं. कुत्ते और बिल्लियां दोनों मेथिसिलिन-प्रतिरोधी जीवाणु स्टैफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) के भंडार हैं, पालतू जानवरों के साथ करीबी संपर्क को जूनोटिक संचरण के लिए एक अहम जोखिम कारक के रूप में पहचाना जाता है.

पक्षी, कछुए और मछलियां भी रोग फैला सकते हैं.

लेकिन सिर्फ कुत्ते और बिल्लियां ही इंसानों में बीमारियां नहीं फैला सकते. पालतू पक्षी कभी-कभी सिटाकोसिस फैला सकते हैं. यह जीवाणु से होने वाला संक्रमण है जो निमोनिया का कारण बनता है. पालतू कछुओं के संपर्क को मनुष्यों में, विशेषकर छोटे बच्चों में साल्मोनेला संक्रमण से जोड़ा गया है. यहां तक कि पालतू मछली को भी मनुष्यों में कई प्रकार के जीवाणु संक्रमण से जोड़ा गया है, जिसमें विब्रियोसिस, माइकोबैक्टीरियोसिस और साल्मोनेलोसिस शामिल हैं.

जानवरों के साथ निकट संपर्क और विशेष रूप से कुछ व्यवहार जूनोटिक संचरण के जोखिम को बढ़ाते हैं. नीदरलैंड की एक स्टडी में पाया गया कि आधे मालिकों ने पालतू जानवरों को अपना चेहरा चाटने दिया, और 18 प्रतिशत ने कुत्तों को अपने बिस्तर पर सुलाया. (बिस्तर साझा करने से पालतू जानवरों की ओर से लाए गए रोगजनकों के संपर्क में आने की अवधि बढ़ जाती है.) इसी स्टडी में पाया गया कि 45 प्रतिशत बिल्ली मालिकों ने अपनी बिल्ली को रसोई के सिंक पर उछलने कूदने की इजाजत दी.

पालतू जानवरों को चूमने को पालतू जानवरों के मालिकों में कभी-कभी जूनोटिक संक्रमण से भी जोड़ा गया है. एक मामले में, जापान में एक महिला को नियमित रूप से अपने कुत्ते के चेहरे को चूमने के बाद पास्चुरेला मल्टीकोडा संक्रमण के कारण मेनिनजाइटिस हो गया.

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छोटे बच्चों के भी ऐसे व्यवहार में शामिल होने की संभावना अधिक होती है जिससे उनके पशुओं से होने वाली बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है-जैसे पालतू जानवरों को छूने के बाद अपने हाथों को अपने मुंह में डालना. पालतू जानवरों को छूने के बाद बच्चे भी ठीक से हाथ नहीं धोते हैं.

हालांकि जो कोई भी अपने पालतू जानवर के जरिए जूनोटिक कीटाणु के संपर्क में आता है वह बीमार हो सकता है. कुछ लोगों के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है. इन लोगों में युवा, बूढ़े, गर्भवती और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग शामिल हैं. 

अगर पालतू जानवर से कोई बीमारी होने की चिंता हो तो क्या करना चाहिए?  साफ-सफाई रखना और पालतू पशु पालने संबंधी कुछ नियमों का पालन किया जाए तो आपके बीमार होने का जोखिम कम हो सकता है. 

  • अपने पालतू जानवर के साथ खेलने और उनके बिस्तर, खिलौने संभालने या मल साफ करने के बाद अपने हाथ धोएं.

  • अपने पालतू जानवरों को अपना चेहरा चाटने या घाव की जगह चाटने न दें. छोटे बच्चों की निगरानी करना जब वे पालतू जानवरों के साथ खेल रहे हों और जब पालतू जानवरों के साथ खेलने के बाद अपने हाथ धो रहे हों.

  • कूड़े की ट्रे बदलते समय या एक्वेरियम की सफाई करते समय दस्ताने पहनें.

  • एयरोसोल को कम करने के लिए सफाई करते समय पक्षियों के पिंजरे की सतहों को गीला करें.

  • पालतू जानवरों को रसोई से दूर रखना (विशेषकर बिल्लियां जो भोजन तैयार करने वाली सतहों पर कूद सकती हैं)

  • वैक्सीनेशन और डीवॉर्मिंग समेत जानवरों की चिकित्सा की जानकारी अप टू डेट रखें.

  • -अगर आपको लगता है कि आपका पालतू जानवर अस्वस्थ है तो डॉक्टरी सहायता लें.

(द कॉन्वर्सेशन की रिपोर्ट)

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