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नई दिल्ली: यह तो सभी जानते हैं कि शब्दों के पंख नहीं होते हैं लेकिन फिर भी वे कई मीलों की सैर कर सकते हैं. खासतौर पर वे शब्द, जिनमें कोई सच्चाई न हो, सबसे तेज भागते हैं. हम दिनभर के 8-12 घंटे ऑफिस में बिताते हैं. इस दौरान कुछ को-वर्कर्स (Co Workers) हमारे अच्छे दोस्त बन जाते हैं तो कुछ के साथ उतना अच्छा रिश्ता कायम नहीं हो पाता है. कुछ लोग दिल से हमारे सुख-दुख से जुड़े होते हैं, जबकि कुछ सिर्फ प्रमोशन या तारीफों की दौड़ में आपको हराने की कोशिश कर रहे होते हैं.
ऑफिस में हर किसी को पहचान पाना आसान नहीं है. इसलिए कुछ उसूलों (Office Etiquette) को ध्यान में रखकर ऑफिस पॉलिटिक्स (Office Politics) और ऑफिस गॉसिप्स (Office Gossip) से दूरी बनाए रखने में ही भलाई है.
कुछ लोग बहुत भोले होते हैं और दूसरों को परखने में अक्सर धोखा खा जाते हैं. दोस्ती और घर-परिवार के रिश्तों में चीजों के ठीक होने की गुंजाइश होती है लेकिन हमेशा ध्यान रखिएगा, ऑफिस में रिश्ते बिगड़ने के बाद उन्हें सुधारना बहुत मुश्किल होता है. अगर आप ऑफिस में सुकून से रहना चाहते हैं तो ऑफिस पॉलिटिक्स (Office Politics) और ऑफिस गॉसिप्स (Office Gossip) से समझदारी भरी दूरी बनाकर रखें. इससे न सिर्फ सबके साथ आपके रिश्ते अच्छे रहेंगे, बल्कि काम पर भी ज्यादा फोकस रहेगा.
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ऑफिस में कई मामलों पर गॉसिप यानी बातचीत/काना-फूसी की जा सकती है. किसी की पर्सनल लाइफ पर डिस्कस करना, फैशन सेंस पर कमेंट करना, उसकी बातों को शेयर करना ऑफिस गॉसिप्स (Office Gossip) का ही हिस्सा है. अफवाहों का बाजार बहुत गर्म होता है और बिना मतलब की बातों को फैलने में जरा भी समय नहीं लगता है. जानिए ऑफिस गॉसिप से बचने के तरीके.
ऑफिस में कई घंटों तक साथ काम करने से कुछ लोगों के साथ हमारी बॉन्डिंग अच्छी हो जाती है. ऐसे में हम अपनी पर्सनल बातें भी आपस में शेयर करने लगते हैं. अगर किसी ने आप पर भरोसा करके कोई बात आपको बताई है तो उसे खुद तक ही रखें. अगर आप उसकी बातें सुनने में इंट्रेस्टेड नहीं हैं तो उसे पहले ही बता दें. लेकिन उसकी बातें सुनने के बाद दूसरों से न कहें.
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कुछ लोगों को खुद की सैलरी (Salary) से ज्यादा दूसरों की सैलरी की चिंता सताती है. वे अपनी सैलरी से इतने असंतुष्ट होते हैं कि हमेशा सामने वाले की सैलरी पूछते रहते हैं. ऑफिस में सैलरी और इंसेंटिव (Incentive) जैसे डिस्कशन से जितना दूर रहेंगे, आपके लिए उतना बेहतर रहेगा.
ऑफिस में भी पॉलिटिक्स (Office Politics) होती है. लोग एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए तरह-तरह की रणनीति बनाते हैं. अगर आप सबकी गुड बुक्स (Good Books) में रहना चाहते हैं या करियर (Career) को लेकर सीरियस हैं तो इस तरह की पॉलिटिक्स का हिस्सा बनने से बचें. हालांकि अगर आपको लगे कि कोई आपके बारे में फिजूल की बातें कर रहा है तो सामने वाले से बात करके मैटर को सॉर्ट आउट करने में देर न करें.
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ऑफिस में कौन, किसके बारे में क्या कहता या सोचता है, यह जानना आपका काम नहीं है. हर व्यक्ति हर किसी के लिए एक समान नहीं हो सकता है. अपनी परख और समझ पर भरोसा करें. किसी की भी बातों पर आंख बंदकर भरोसा करने के बजाय अपने दिल से पूछें और फिर कोई फैसला लें.
ऑफिस में सही तरीके से काम करने के लिए सारा फोकस काम पर रखना जरूरी है लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं है कि आप किसी से बात ही न करें. आपस में कम्युनिकेशन गैप (Communication Gap) होने पर कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं. कभी चाय तो कभी लंच के बहाने अपने आस-पास वालों से बातचीत करें.
ऑफिस में हेल्दी रिलेशन (Healthy Relation In Office) बनने से काम पर फोकस बढ़ता है और आप हंसी-खुशी काम करने पर जोर देते हैं. वहीं, अगर आप अपसेट रहेंगे या गॉसिप्स और पॉलिटिक्स में लगे रहेंगे तो आपका काम में बिल्कुल भी मन नहीं लगेगा.