Early Signs of Type 2 Diabetes:टाइप 2 डायबिटीज के कारण किसी इंसान का ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा हो जाता है, जो आगे चलकर और भी ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता . भारत समेत दुनियाभर में भारी तादाद में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. ये बीमारी हमारे शरीर पर धीरे-धीरे हमला कर सकती है, और शुरुआती स्टेज में लक्षण हल्के हो सकते हैं. नतीजतन, बहुत से लोगों को यह अहसास नहीं हो सकता है कि उनकी ऐसी मेडिकल कंडीशन है. आइए जानते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज की अर्ली वॉर्निंग साइन को आप कैसे पहचान सकते हैं, ताकि वक्त रहते सतर्क हो सकें.
जब जब ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, तो किडनी खून से एक्ट्रा शुगर को छानकर निकालने की कोशिश करता. इसलिए पीड़ित इंसान को बार-बार यूरिन के लिए वॉशरूम जाने की जरूरत पड़ती है खासकर रात के वक्त ऐसा ज्यादा होता है.
खून से एक्सट्रा शुगर को हटाने के लिए बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की काफी कमी हो सकती है. समय के साथ ये डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है और पीड़ित शख्स को सामान्य से अधिक प्यास लग सकती है.
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर अपने भोजन से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती है. पाचन तंत्र भोजन को ग्लूकोज नामक एक साधारण शुगर में तोड़ देता है, जिसे शरीर ईंधन के रूप में उपयोग करता है. मधुमेह वाले लोगों में, इस ग्लूकोज की पर्याप्त मात्रा रक्तप्रवाह से शरीर की कोशिकाओं में नहीं जाती है. नतीजतन, टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को अक्सर भूख लगती है, भले ही उन्होंने हाल ही में कितना खाया हो.
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) किसी व्यक्ति के ऊर्जा स्तर को प्रभावित कर सकता है और उन्हें थका हुआ महसूस कर सकता है. शरीर की कोशिकाओं में रक्तप्रवाह से अपर्याप्त शुगर के जाने के कारण थकान होती है.
खून में शुगर की अधिकता आंखों में मौजूद छोटे ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे नजरें कमजोर हो सकती हैं. ये एक या दोनों आंखों में हो सकता है. ब्लड शुगर का हाई लेवल भी आंखों के लेंस की सूजन का कारण बन सकता है. अगर वक्त रहते ध्यान नहीं दिया गया तो खतरनाक हालात पैदा हो सकते हैं.
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