प्राइवेटाइजेशन के इस दौर में बीच-बीच में नौकरी बदलना (Job Change) एक सामान्य बात हो गई है. जॉब चेंज करने से हमारे करियर ग्रोथ और सैलरी पर बड़ा असर पड़ता है.
जॉब चेंज करने के बाद हमें नए माहौल में ढलने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है. अगर हम ऐसा न करें तो यह फैसला हमारे लिए खतरनाक भी हो सकता है. आइए जानते हैं कि वे कौन सी बातें (Job Change Rule) हैं, जिन्हें हमें जॉब चेंज करने पर भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
किसी भी नई जगह जॉइन करते समय एकदम बाकी लोगों से घुलने-मिलने की कोशिश न करें. धीरे-धीरे टीम मेंबर्स के बारे में जानें और फिर अपने बारे में बताएं. अपनी घरेलू बातों को भूलकर भी ऑफिस में डिस्कस न करें. कॉरपोरेट कल्चर में इस तरह की बातों को पसंद नहीं किया जाता है. वहां पर केवल ऑफिस और अपने कामकाज से जुड़ी बातों की ही चर्चा करें.
हरेक इंप्लाई की चाहत होती है कि वह नई जगह जॉइन (Job Change) करते ही कुछ ऐसे अंदाज में काम करे कि उसे कम समय में ही कर्मठ कर्मी की पहचान मिल जाए. आपको इस तरह की जल्दबाजी से बचना होगा. ज्यादा तेजी दिखाने पर गलती होने की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे में आपको कर्मठ कर्मी बनने के बजाय लापरवाह कर्मी का टैग भी मिल सकता है. इसलिए सोच-विचारकर धीरे-धीरे ऑफिस के कामकाज को समझें और उसके हिसाब से अपने कामकाज को निखारते चले जाएं. आपकी पहचान अपने आप एक कर्मठ कर्मी की बन जाएगी.
चाहे आप किसी भी जगह काम कर रहे हों, लेटलतीफ इंप्लाई को कोई भी कंपनी बर्दाश्त नहीं करती है. इसलिए जहां भी आप जॉइन करें, वहां पर समय की पाबंदी का हमेशा ध्यान रखें. चाहे रुटीन वर्किंग ऑवर हों या कोई मीटिंग, हमेशा 10 मिनट पहले पहुंचने की कोशिश करें. इन मामलों में लेटलतीफी करने पर आपको सालाना अप्रेजल में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
जब भी आप किसी जगह जॉइन (Job Change) करते हैं तो बॉस और सहकर्मियों की नजरें आप ही लगी रहती हैं. ऐसे में आप अपने रुटीन कामकाज को कभी भी टालने की कोशिश न करें. ऐसा करने से आपके पास काम की पेंडेंसी बढ़ती जाएगी, साथ ही ऑफिस में आपकी पहचान कामचोर इंप्लाई की बन जाएगी. इसलिए आपको जो भी काम मिले, उसे तुरंत करने की आदत डालिए. साथ ही अगर किसी काम में कोई रुकावट आए तो उसका वाजिब कारण बताकर बॉस या सहकर्मियों से उसके समाधान का उपाय भी पूछ सकते हैं.
ऑफिस में अक्सर कामकाज के सिलसिले में मीटिंग होती रहती हैं. इन मीटिंग में सभी नए-पुराने इंप्लाई को अपनी बात रखने का मौका मिलता है. ऐसे में अगर आप न्यू जॉइनर हैं तो सबसे पहले दूसरों की बातें सुनकर मीटिंग का उद्देश्य जानें और उसके बाद संक्षिप्त लेकिन तार्किक शब्दों में अपनी बात रखें. इस बात का खास ध्यान रखें कि आप किसी पर कमेंट किए बिना सहज ढंग से अपनी बात रखें. ऐसा करने से टीम में आपका सम्मान बढ़ जाएगा.
(सभी फोटो प्रतीकात्मक)
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