तनाव दूर करने में कारगर है अरोमा थेरेपी, घर पर ऐसे तैयार करें ऑयल
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तनाव दूर करने में कारगर है अरोमा थेरेपी, घर पर ऐसे तैयार करें ऑयल

खुशबुओं से तनाव दूर करने की थेरेपी हजारों साल यानी लगभग छह हजार साल पुरानी है. मिस्त्र में तरह-तरह की खुशबुओं से युक्त तेल से मसाज और नहाने का प्रावधान था. 

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से दुनिया भर के लोगों में तनाव का स्तर लगभग 76 प्रतिशत बढ़ गया है. आशंका, डर और भविष्य तो अपनी जगह है ही, पर इन सबकी वजह से हम अपना आज क्यों टेंशन में बिताएं? अरोमा थेरेपी से आप दूर कर सकते हैं दिनभर का तनाव और चिंता.

खुशबुओं से तनाव दूर करने की थेरेपी हजारों साल यानी लगभग छह हजार साल पुरानी है. मिस्त्र में तरह-तरह की खुशबुओं से युक्त तेल से मसाज और नहाने का प्रावधान था. अरोमा थेरेपी को लोकप्रिय बनाया 1937 में फ्रांस के एक केमिस्ट रेने मॉरिस गातेफोसे ने. गलती से एक दिन उसकी लैब में आग लग गई. इसके बाद रेने को अपनी लैब से मिल गया अरोमा थेरेपी का खजाना. इत्र और कुछ तेल की जली खुशबू का मिश्रण जब उसने इस्तेमाल करना शुरू किया, तो उसे लगा कि यह अभूतपूर्व है. उसने अपने मित्रों को यह सुगंधित तेल इस्तेमाल करने को दिया. सबका एक ही जवाब आया कि इससे वे गजब का राहत महसूस कर रहे हैं. कइयों के सिरदर्द, बदन दर्द, तनाव और एंग्जाइटी जैसी बीमारी दूर हो गई. रेने से इसके बाद सुगंधित तेल की मार्केटिंग शुरू की और यहीं से शुरू हुआ अरोमा थेरेपी का इस्तेमाल.

इन दिनों ज्यादातर ब्यूटीशियन, मनोचिकित्सक, डॉक्टर्स और थेरेपिस्ट टेंशन दूर करने, रिलाक्सेशन और नर्वस सिस्टम सही करने के लिए अरोमा थेरेपी की सलाह देते हैं. वेलनेस एक्सपर्ट वीएलसीसी की डाइरेक्टर वंदना लूथरा कहती हैं, ‘अरोमाथेरेपी एक ऐसा मसाज है, जो तीन स्तरों पर काम करता है. खुशबू से स्मेल रिसेप्टर में संचार बढ़ता है, यह नर्वस सिस्टम को शांत होने का संदेश देता है और परिणामस्वरूप लिंबिक सिस्टम यानी मस्तिष्क का वो हिस्सा जाग्रत हो जाता है तो हमारे इमोशंस को नियंत्रित करता है.’ 

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घर पर अरोमा थेरेपी इस तरह कर सकते हैं-

नींबू की खुशबू और औषधीय गुण से हर कोई परिचत है. दो से तीन हलके पके साबुत नीबू लें. धो कर काट लें या किसी भारी तले से अच्छे से कुचल कर एक कांच के जार में डालें. ऊपर से सौ ग्राम नारियल का हलका गर्म तेल डालें. एक छोटा टुकड़ा दालचीनी का डालें. इस जार को अच्छे से बंद कर पूरे दिन के लिए धूप में रख दें. फिर छान कर बोतल में बंद कर रख लें. नींबू की भीनी-भीनी खुशबू वाला असेंशियल ऑयल तैयार है. इस तरह गुलाब की पंखुड़ियों, चेरी, पुदीना आदि से आप मसाज ऑयल बना सकती हैं. अगर आपके पास नारियल तेल नहीं है, तो ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं.

अरोमा थेरेपी करने के लिए रिलैक्स हो कर बैठिए. अपनी हथेलियों पर तेल की कुछ बूंदें डालिए और हलके हाथों से गर्दन और सीने पर तेल लगाइए. कुछ प्रेशर पाइंट्स हैं, जहां मसाज करने से आपका शरीर ढीला पड़ने लगता है. गर्दन, हथेली, नाभि और माथे पर मसाज करने के बाद आधे घंटे के लिए तेल को जज्ब होने दें. इसके बाद हलके गर्म पानी से नहा लें.

मसाज के दौरान आंखें बंद करें. कुछ अच्छा संगीत सुनें. दस मिनट में असर होना शुरू हो जाएगा. थेरेपिस्ट डॉक्टर प्रभात सोमशंकर कहते हैं, ‘हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, एंग्जाइटी और डिमेंशिया के शुरुआत में अरोमा थेरेपी बहुत कारगर रहती है. हर दो दिन में आप यह थेरेपी ले सकते हैं.’

घर पर बने थेरेपी के ऑयल का इस्तेमाल चार से आठ दिन तक कर सकते हैं. टीनएजर का भी अग्रेशन कम करने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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