Lighthouse Parenting: 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' किसे कहते हैं? जानिए ये आपके लाडले-लाडलियों के लिए काम करेगी या नहीं
Advertisement
trendingNow12472441

Lighthouse Parenting: 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' किसे कहते हैं? जानिए ये आपके लाडले-लाडलियों के लिए काम करेगी या नहीं

What is Lighthouse Parenting: क्या आप भी जवान हो रहे बच्चों की हठधर्मिता से परेशान हैं? समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें गलत- सही का अंतर कैसे समझाया जाए तो 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' आपकी बहुत मदद कर सकती है.  

 

Lighthouse Parenting: 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' किसे कहते हैं? जानिए ये आपके लाडले-लाडलियों के लिए काम करेगी या नहीं

Benefits and Challenges of Lighthouse Parenting: सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस जमाने में बच्चे वक्त से पहले ही बड़े हो रहे हैं. उन्हें जीवन का ज्ञान तो हो रहा है लेकिन वह आधा अधूरा है. वे सही और गलत में अंतर नहीं कर पा रहे हैं. पैरंट्स उन्हें समझाते हैं तो वे उनकी बातों को भी सिर के ऊपर से गुजार देते हैं. बड़े होते बच्चों को कैसे गाइड किया जाए, इस समस्या से आज हर परिवार जूझ रहा है. अगर आप भी इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं तो आज आपको 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' के बारे में जानने की जरूरत है. 

नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NIIMS) के रिसर्च असोसिएट डॉक्टर प्रथमेश लांजेवार के मुताबिक 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' एक ऐसी शैली है, जिसमें बच्चों को गाइडेंस और आत्मनिर्भर बनाने की बैलेंस अप्रोच बनाने की सलाह दी जाती है. 
जिस तरह लाइटहाउस समुद्र में भटकते जहाजों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए सही मार्गदर्शन करता है. उसी तरह मां-बाप को भी लाइटहाउस बनकर अधकचरे ज्ञान से जूझ रहे बच्चों को सही और गलत के बीच का अंतर बताना चाहिए. 

उन्होंने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केनेथ गिन्सबर्ग ने इस पैरेंटिंग शैली का आविष्कार किया. इसमें बच्चों को जीवन की चुनौतियों से निपटने की आजादी देते हुए सहायता और सुरक्षा प्रदान करती है.
 
लाइटहाउस पेरेंटिंग के मूल सिद्धांत
 
लाइटहाउस पेरेंटिंग बच्चों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें भावनात्मक संरचना और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करने के महत्व पर जोर देती है. इस भूमिका में माता-पिता सतर्क रहते हैं और जरूरत पड़ने पर बच्चों को गाइड करते हैं. हालांकि उनकी कोशिश ये रहती है कि बच्चे अपने अनुभवों से ज्यादा सीखने की कोशिश करें. यह शैली 2 मूल सिद्धांतों पर काम करती है - 

1. स्वायत्तता के साथ मार्गदर्शन: माता-पिता अपने बच्चों के लिए क्लियर बाउंड्री और उम्मीदें तय करते हैं. हालांकि उन उम्मीदों तक कैसे पहुंचा जाएगा, इसका फैसला लेने के लिए बच्चों को पूरी आजादी देते हैं. 

2. इमोशनल सपोर्ट: मां- बाप अपने बच्चों को इमोशनल सपोर्ट देने के लिए हर वक्त मौजूद रहते हैं. वे बच्चों को अनुभवों से सीखने में मदद करते हैं और उन्हें खुद में लचीलापन लाने व आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं. 

'लाइटहाउस पैरेंटिंग' के फायदे

1. स्वतंत्रता को बढ़ावा: लाइटहाउस पैरेंटिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यह बच्चों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है. यह बच्चों में समस्याओं के समाधान की स्किल विकसित करने और बड़े फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित करता है. यह शैली बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने में यकीन रखती है. 

2. भावनात्मक लचीलापन: यह शैली बच्चों में यह भरोसा पैदा करती है कि जिंदगी की चुनौतियों का सामना करते हुए अगर उनसे कुछ गलती भी हो जाती है तो उनके मां-बाप का साथ उनसे कभी नहीं छूटेगा. यह इमोशनल सेफ्टी बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें उन्हें जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद करती है. 
 
3. ओपन कम्युनिकेशन के लिए प्रेरित: यह पैरेंटिंग स्टाइल बच्चों और उनके मां-बाप में ओपन कम्युनिकेशन को बढ़ावा देती है. बच्चे बिना किसी झिझक के अपनी चिंताओं और अनुभवों को मम्मी- पापा से डिस्कस करने में सहज महसूस करते हैं. वे इस बात को जानते हैं कि कोई गलती होने पर मां-बाप उन्हें झिड़केंगे नहीं बल्कि उनकी हौंसलाअफजाई करेंगे. ऐसा करने से बच्चों और पैरंट्स की बॉन्डिंग मजबूत होती है. 
 
4. सेफ्टी और खोज में बैलेंस रखना: लाइटहाउस पैरेंटिंग में माता-पिता अपने बच्चों को चुनौतियों का सामना करने और कैलकुलेटिड रिस्क का सामना करने के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण प्रदान करते हैं. इस संतुलन की वजह से बच्चे आने वाली चुनौतियों को ढंग से समझकर उसके हिसाब से अपने फैसले ले पाते हैं. 

लाइटहाउस पैरेंटिंग के सामने मौजूद चुनौतियां - 

1. सही संतुलन बनाना: पैरेंटिंग की इश शैली में सबसे बड़ी दिक्कत इस बात की होती है चुनौतियों का सामना करने के लिए बच्चों को कितनी आजादी दी जाए और कितना सपोर्ट मुहैया करवाया जाए. पैरंट्स अपने कदम पीछे खींचने और बच्चों को गलतियां कर देने में मुश्किल महसूस करते हैं, जो बच्चों के ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी होता है. 
 
2. बच्चों का प्रतिरोध: जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, विशेष रूप से किशोरावस्था के दौरान, तब ज्यादा आजादी की चाहत में कई बार मां-बाप की गाइडेंस को बकवास मानने लगते हैं. वे इस स्थिति में मां- बाप से विद्रोह भी कर सकते हैं. ऐसे में पैरंट्स को धैर्य रखते हुए बच्चों से टकराव की स्थिति को टालना चाहिए. 

3. मां- बाप से इमोशनल डिमांड: 'लाइटहाउस पैरेंटिंग' मां- बाप से हाई लेवल का बच्चों से इमोशनल सपोर्ट, उन पर नजर बनाए रखने, उन्हें गाइड करने और हर वक्त उपलब्धता की मांग करती है. यह प्रक्रिया थका देने वाली हो सकती है. बच्चों के साथ सहभागिता के इस स्तर को बनाए रखना कुछ माता-पिता के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
 
निष्कर्ष
 
'लाइटहाउस पैरेंटिंग' बच्चों के साथ मार्गदर्शन और स्वतंत्रता के बीच एक विचारशील संतुलन प्रदान करती है. यह एक ऐसा सकारात्मक वातावरण प्रदान करती है, जहां बच्चे लचीले और, आत्मविश्वासी व्यक्तियों के रूप में विकसित हो सकते हैं. हालाँकि इस संतुलन को बनाए रखने में गंभीर प्रयास और सावधानीपूर्वक ध्यान देने की जरूरत होती है. हालांकि बच्चों की दी गई स्वतंत्रता, भावनात्मक लचीलापन और मजबूत संचार उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे एक मूल्यवान पालन-पोषण शैली बनाते हैं.

Trending news