Nitish Kumar: रावण दहन के दौरान पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ से तीर-धनुष क्या गिरा, इसे लेकर विपक्षी दलों ने सियासत शुरू कर दी है.
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Bihar Politics: रावण दहन के दौरान पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ से तीर-धनुष क्या गिरा, इसे लेकर विपक्षी दलों ने सियासत शुरू कर दी है. सांकेतिक रूप से रावण दहन को लेकर नीतीश कुमार द्वारा चलाया गया तीर तो निशाने पर नहीं पहुंचा लेकिन उनके हाथ से गिरा तीर-धनुष कैमरे में कैद हो गया. आरजेडी ने इस घटना को तूल देते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है कि नीतीश कुमार अब 'तीर' जो जेडीयू का चुनाव चिन्ह है से हाथ धोना चाह रहे हैं और अपनी पार्टी को बीजेपी के साथ विलय करना चाहते हैं.
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नीतीश कुमार के व्यवहार और उनकी गतिविधियों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सवाल उठते रहे हैं. खासतौर पर विपक्ष इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाता रहा है. इससे पहले 7 अक्टूबर को ग्रामीण विकास विभाग के बड़े कार्यक्रम में जिसमें कि मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर महज 9 मिनट पर खत्म कर दिया था. जिसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि मुख्यमंत्री जी ने अपने आवास में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत हजारों करोड़ की विभिन्न योजनाओं संबंधित कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन में सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए. लेकिन मुख्यमंत्री के बिना एक शब्द बोले महज 9 मिनट में ही कार्यक्रम खत्म कर दिया.
#WATCH | Bihar CM Nitish Kumar and Dy CM Samrat Choudhary attend #DussehraCelebration at Gandhi Maidan in Patna pic.twitter.com/nqk833V4Wt
— ANI (@ANI) October 12, 2024
इस मामले पर जेडीयू ने सीधा कहा कि नीतीश कुमार खबर हैं. नीतीश हंसेंगे, मुस्कुराएंगे तो ख़बर है. नीतीश जो भी करते हैं तो लोग या तो लव करेंगे या हेट करेंगे. इग्नोर नहीं कर सकते और रावण दहन की घटना अकस्मात है इसमें कोई राजनीति या धर्म नहीं है . बहरहाल, नीतीश कुमार का रावण दहन के दौरान तीर-धनुष फेंकने का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और राजनीतिक पंडित इस वीडियो को देखकर राजनीतिक कयास लगाने में जुटे हुए हैं.
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नीतीश के बाद कौन
दरअसल बिहार में नीतीश की बढ़ती उम्र और अस्वस्थता को लेकर तमाम तरह की कयासबाजी चलती रहती है. तेजस्वी यादव और नवोदित प्रशांत किशोर ये सवाल पहले से ही उठा रहे हैं कि नीतीश कुमार के बाद जेडीयू का वारिस कौन होगा? तेजस्वी जहां उनकी बढ़ती उम्र को लेकर कह चुके हैं वहीं प्रशांत किशोर अंदेशा जता चुके हैं कि जेडीयू पार्टी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. दरअसल इसके पीछे वजह नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र और जेडीयू में दूसरे नंबर की लीडरशिप का अभाव है. आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के रूप में एक समय में ये कहा जाने लगा था कि ये पार्टी का भविष्य हो सकते हैं लेकिन इनके रास्ते जेडीयू से अलग हो गए. लिहाजा नीतीश के हाथ से तीर-धनुष का फिसलना भी सांकेतिक रूप से इन्हीं बातों से जोड़कर देखा जा रहा है और नीतीश एवं जेडीयू को घेरने के लिए विरोधियों को एक मौका मिल गया है.