आपने कई बार पैक्ड बोलत या फूड के पैकेट पर एडेड शुगर की क्वांटिटी के बारे में पढ़ा होगा, लेकिन कभी सोचा है कि ये चीज हमारी सेहत के लिए कितनी खतरनाक है.
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Added Sugar Risk: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने हाल में ही एक गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहा गया है कि या तो एक दिन में 25 ग्राम से ज्यादा एडेड शुगर न खाएं, या फिर इसे डाइट से पूरी तरह आउट कर दें. क्योंकि ये कैलोरी के अलावा कोई और न्यूट्रीटिव वैल्यू एड नहीं करता है. दिशा निर्देशों के मुताबिक, "हर दिन टोटल एनर्जी इनटेर का 5% या डेली 25 ग्राम (2000 किलो कैलोरी / दिन के औसत सेवन के आधार पर) में चीनी की खपत को 'हाई शुगर' के तौर पर रिफाइन किया गया है."
एडेड शुगर और नेचुरल शुगर में फर्क
एडेड शुगर का मतबल है प्रोसेसिंग और इसे तैयार करने के दौरान, वो चीनी या शुगर सिरप जो फूड्स और ड्रिंक्स में मिलाया जाता है. इसमें सुक्रोज (टेबल शुगर), गुड़, शहद, ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, डेक्सट्रोज आदि शामिल हैं. वहीं नेचुरल शुगर वो होते हैं जो जो फूड्स में मूल रूप से मजबूत होते हैं, मिसाल के तौर पर, मोनोसैकराइड सिंपल शुगर होते हैं जिनमें फलों में ग्लूकोज या फ्रुक्टोज जैसे सिंगल शुगर मॉलिक्यूल होते हैं. डिसैकराइड दूध में सुक्रोज (चीनी) या लैक्टोज जैसे दो सरल शुगर मॉलिक्यूल होते हैं.
रिफाइन शुगर में विटामिंस और मिनरल्स की कमी
आईसीएमआर का ये भी कहना है कि जिन चीजों में पहले से ही नेचुरल शुगर है और फिर इसमें ज्यादा से ज्यादा शुगर मिलाएंगे तो टोटल कैलोरी इंटेक बढ़ जाएगा, लेकिन कोई भी न्यूट्रीटिव वैल्यू एड नहीं होगा. कैलोरी तभी हेल्दी होते हैं जू से विटामिं, मिनरल्स और फाइबर के साथ जुड़ी होती है.
एडेड शुगर के सेवन से क्या होगा?
एडेड शुगर का सेवन करने से मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां, कैंसर और यहां तक कि डिमेंशिया जैसी क्रोनिक डिजीज का भी खतरा बढ़ा सकता है. दूसरी तरफ फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का अधिक सेवन कई बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.