World Soil Day: क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस? खराब हो चुकी मिट्टी को फिर से कैसे बनाएं उपजाऊ
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World Soil Day: क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस? खराब हो चुकी मिट्टी को फिर से कैसे बनाएं उपजाऊ

World Soil Day: मिट्टी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह हमारे भोजन का सोर्स है, क्योंकि इसमें पौधे उगते हैं. हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. 

World Soil Day: क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस? खराब हो चुकी मिट्टी को फिर से कैसे बनाएं उपजाऊ

मिट्टी हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह हमारे भोजन का सोर्स है, क्योंकि इसमें पौधे उगते हैं. हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें मिट्टी के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है. जून 2013 में, FAO सम्मेलन ने विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और बाद में 68वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से संपर्क किया और इसे आधिकारिक रूप से अपनाने का अनुरोध किया. 2013 के अंत में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर 2014 को पहला आधिकारिक विश्व मृदा दिवस घोषित किया.

जैसा की सब जानते हैं मिट्टी हमें ऑक्सीजन प्रदान करती है, क्योंकि इसमें पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं. मिट्टी हमें पानी प्रदान करती है, क्योंकि यह पानी को सोखकर रखती है. मिट्टी हमें कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधन प्रदान करती है, जैसे कि लकड़ी, खनिज और फाइबर. फिलहाल, दुनिया भर में मिट्टी का क्षरण (soil erosion) एक गंभीर समस्या है. मिट्टी का क्षरण कई कारणों से हो सकता है जैसे- अत्यधिक कृषि, वनों की कटाई और मृदा प्रदूषण, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता खराब होती है.

खराब हो चुकी मिट्टी को फिर से कैसे बनाएं उपजाऊं?
फसल चक्र अपनाने से मिट्टी की फर्टिलिटी बनी रहती है. फसल चक्र एक तकनीक है, जिसमें एक ही खेत में एक ही फसल को लगातार उगाने के बजाय, विभिन्न प्रकार की फसलों को एक निश्चित क्रम में उगाया जाता है
जैविक खाद से भी मिट्टी की फर्टिलिटी बढ़ती है. मृदा परीक्षण करवाने से मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है और उसके अनुसार फर्टिलाइजर और अन्य उपाय किए जा सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान
अत्यधिक कृषि से बचें.
वनों की कटाई को रोकें.
मिट्टी प्रदूषण को रोकें.
फसल चक्र अपनाएं.
जैविक खाद का प्रयोग करें.
मिट्टी का टेस्ट करवाएं.

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