अमेठी की जनता बोली, 'स्मृति दीदी' और 'राहुल भैया' में है कांटे की टक्कर
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अमेठी की जनता बोली, 'स्मृति दीदी' और 'राहुल भैया' में है कांटे की टक्कर

जायस के राम अभिलाष दुबे ने कहा कि अमेठी कांग्रेस का गढ़ अवश्य है लेकिन इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से कड़ी टक्कर मिलेगी.

मतगणना स्थल पर जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम है.

अमेठी: उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अमेठी सीट पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आमने-सामने हैं और यहां के लोगों का मानना है कि इस बार मुकाबला कांटे का है. मनीषी महिला महाविद्यालय और इंदिरा गांधी पीजी कॉलेज स्थित मतगणना स्थल के आसपास जमावड़ा अधिक नहीं है लेकिन जो लोग भी हैं उनमें से ज्यादातर की राय है कि इस बार मुकाबला कांटे का है. मतगणना शुरू होने के लगभग एक घंटे तक यहां कोई खास हलचल नहीं थी.

मतगणना स्थल पर जबरदस्त सुरक्षा इंतजाम है. वाहनों का प्रवेश वर्जित है. गौरीगंज शहर में कुछ लोगों से बात हुई. किसान उमेश सिंह ने राहुल गांधी की जीत पक्की बताया हालांकि, व्यापारी शिव बख्श ने कहा कि इस बार कांग्रेस का किला ध्वस्त होगा और अन्ततः स्मृति ईरानी ही विजयी होंगी. गौरीगंज अमेठी का मुख्यालय है. मतगणना स्थल के दो सौ मीटर के दायरे में बैरियर लगे हैं और दुकानें बंद हैं.

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि जुलूस पर पूरी तरह प्रतिबंध है. ऐहतियात के तौर पर निषेधाज्ञा पूरे जिले में लागू है. सुरक्षा के लिये केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल और पुलिस एवं पीएसी के जवान तैनात हैं. इससे पहले दिल्ली से प्रतापगढ़ जाने वाली ट्रेन पदमावती एक्सप्रेस में लखनऊ से गौरीगंज (अमेठी) तक के सफर के दौरान वहां के रहने वाले लोगों ने चुनावी टक्कर को लेकर बेबाकी से राय रखी.

जायस के राम अभिलाष दुबे ने कहा, 'अमेठी कांग्रेस का गढ़ अवश्य है लेकिन इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से कड़ी टक्कर मिलेगी. इस सवाल पर कि किसकी जीत के प्रति आश्वस्त हैं तो दुबे ने कहा कि जीत तो राहुल की ही होगी लेकिन इस बार जीत का अंतर कम हो सकता है.

ट्रेन में ही सफर कर रहे मोहम्मद इकबाल ने कहा कि अमेठी शुरू से कांग्रेस का किला रहा है और इसे और कोई पार्टी भेद नहीं सकती. हालांकि, उनके बगल बैठे शिवपूजन पाण्डेय ने स्मृति की जीत का विश्वास जताया. उनकी दलील थी कि 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद स्मृति लगातार अमेठी आती रहीं और विकास के कई कार्य कराए.

छात्रा अंजलि सिंह से पूछा गया कि राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से भी पर्चा भरा और इस बार अमेठी में कोई खास प्रचार नहीं किया. इस पर अंजलि ने कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस महासचिव ने प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला और वह पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अमेठी में डटी रहीं.

किसके आने की संभावना ज्यादा है, इस सवाल पर बुजुर्ग श्याम बाबू ने ठेठ अमेठी की भाषा में दार्शनिक सा जवाब दिया, 'भइया, हम त एक्कै बात जानतही. केहू आय जाय, कुछू काम करै तो भले अहै. राहुल भइया कुछू काम करत रहैं लेकिन अबकी उनहू के गाडी फंसी दिखाति अहै.' 

दुबे कहते हैं कि अपने अपने दावे हैं, लेकिन लगता है कि बरसों बरस कांग्रेस का गढ़ रहे अमेठी में कोई और आसानी से सेंध नहीं लगा सकता. गौरीगंज रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सामना होता है. इनमें से एक कार्यकर्ता गौरव प्रताप सिंह ने राहुल की जीत का भरोसा जताते हुए कहा 'सवाल विरासत का है और रिश्ता निजी है... गांधी परिवार यहां के लोगों से सीधे जुड़ता है, बात करता है.’’ 

कुछ आगे बढ़ने पर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भाजपा के कुछ कार्यकर्ता टकराते हैं. 'स्मृति दीदी' की जीत का पूर्ण विश्वास है. राहुल को स्मृति की ही तर्ज पर यह समूह 'लापता सांसद' बता रहा था.

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