इस बार के लोकसभा चुनावों में यूपी की राजनीति में बीजेपी के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. इससे पार्टी को पार पाना होगा.
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लखनऊ: एसपी-बीएसपी गठबंधन और प्रियंका गांधी के राजनीति में उतरने के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम की शुरुअात कर दी है. पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अगले दस दिनों में चार बार यूपी के दौरे पर पहुंचेेंगे.
अपने हर दौरे में अमित शाह पार्टी में चुनावी रणनीति का ढांचा माने जाने वाले बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. हालांकि बीजेपी ने यूपीए सरकार के प्रति नाराजगी और मोदी वेव के चलते 2014 का लोकसभा और 2017 का विधान सभा चुनाव रिकॉर्ड सीटों से जीता था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की राह आसान होती नहीं नज़र आ रही है.
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इस कठिन चुनौती के पीछे दो वजह हैं. पहली, लगभग 24 साल की राजनैतिक अदावत के बाद एसपी-बीएसपी ने हाथ मिलाने का फैसला किया है और 38-38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है. दूसरी, लगभग एक दशक से लग रही अटकलों के बींच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में आखिरकार उतार ही दिया है. प्रियंका को कांग्रेस महामंत्री और पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है.
लगभग साढ़े चार साल की केंद्र में दो साल के करीब की प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी झेल रही बीजेपी जहां एक ओर पहले से ही उत्तर प्रदेश जैसे महत्तपूर्ण राज्य में 71 सीटों पर हुई 2014 की लोकसभा जीत का रिकॉर्ड को बरकरार रखने की चुनौती से जूझ रही है. वहीं दूसरी ओर सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण भी बीजेपी के एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है.
अमित शाह 30 जनवरी को राजधानी लखनऊ और कानपुर में बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. वहीं फ़रवरी 2 को अमित शाह पश्चिम उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगे. पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही बीजेपी को गठबंधन के सबसे अधिक साइड एफफ़ेक्ट्स का सामना पड़ सकता है. ऐसे में अमित शाह की हुंकार कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए ख़ासी कारगर साबित हो सकती है.
अमित शाह ब्रिज क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे. कार्यक्रम के अनुसार बीजेपी अध्यक्ष एटा 6 फ़रवरी को जाएंगे. शाह का यूपी दौरा यहीं समाप्त नहीं होगा. वह 8 फ़रवरी को महाराजगंज और जौनपुर में गोरख्श काशी प्रांत के कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे.
पार्टी सूत्रों की माने तो फ़रवरी से चुनाव आने तक लगातार केंद्र से बड़े नेताओं का दौरा अब जारी रहेगा. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सभाएं होने की संभावना है.