लोकसभा चुनाव 2019: क्या बारामती में कायम रहेगा NCP का पारंपरिक वर्चस्व
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लोकसभा चुनाव 2019: क्या बारामती में कायम रहेगा NCP का पारंपरिक वर्चस्व

जमीनी पकड़ मजबूत होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रिया सूले यहां से जीत की हैट्रिक लगाएंगी.

 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट पर 61.58% वोटिंग दर्ज की गई है. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः महाराष्ट्र की बारामती सीट में हमेंशा से ही एनसीपी का कब्जा रहा है और यह इसकी पारंपरिक सीट है. बारामती लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुआ था. इस सीट पर NCP का 27 साल से कब्जा रहा है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार इस सीट से सांसद रहे हैं. उन्होंने यहां से 7 बार जीत दर्ज की है. 2019 के चुनावों में इस सीट से उनकी बेटी इस सीट से चुनावी मैदान पर हैं. बारामति सीट से सुप्रिया सूले तीसरी बार मैदान पर हैं. इससे पहले 2014 में जीत दर्ज की थी. 2014 के लोकसभा चुनावो में  सुप्रिया को 5,21,562 वोट मिले थे.

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बारामती लोकसभा सीट के अन्तर्गत 6 विधानसभा सीट आती हैं. पार्टी की इस सीट पर जमीनी पकड़ मजबूत होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रिया सूले यहां से जीत की हैट्रिक लगाएंगी.  2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय सीट पर 61.58% वोटिंग दर्ज की गई है. जो कि 2014 के आम चुनाव में 58.83% दर्ज की गई थी. वहीं, महाराष्ट्र की 14 संसदीय सीटों पर औसत मतदान 62.07% दर्ज किया गया.

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1984 में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पहली बार यहां से चुनाव लड़े थे और भारी मतों से जीत दर्ज की थी. इससे पहले यह सीट कांग्रेस के कब्जे में थी. यहां पर कांग्रेस ने 1977 तक अपना प्रभुत्व कायम रखा. बारामती की सीट पर एनसीपी की पकड़ इसी बात से समझी जा सकती है कि 2014 की मोदी लहर के बाद भी यहां से इसी पार्टी को जीत हासिल हुई थी.

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