लोकसभा चुनाव 2019 रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी पर रहा है बीजेपी का कब्जा
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लोकसभा चुनाव 2019 रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी पर रहा है बीजेपी का कब्जा

आजादी के बाद 1952 से अब तक यहां कुल 16 चुनाव संपन्न हुए. 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्य प्रदेश के अंतर्गत आती थी. साल 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद बने छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने के बाद यहां से तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 रायपुर:  छत्तीसगढ़ की राजधानी पर रहा है बीजेपी का कब्जा

नई दिल्ली: धान का कटोरा कहलाने वाले हमारे देश के प्रदेश छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक रायपुर सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. देश की आजादी के बाद पहले चुनाव यानी साल 1952 से अब तक यहां कुल 16 चुनाव हुए हैं. 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्य प्रदेश के अंतर्गत आती थी. साल 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद बने छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने के बाद यहां से तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. यह सीट बीजेपी का गढ़ कही जाती है. क्योंकि बीजेपी के प्रत्याशी रमेश बैस पिछले बार के चुनावों में यहां से 7 बार जीत चुके हैं. उन्हें केवल 1991 में हार का मुंह देखना पड़ा था और 1996 से 2014 तक लगातार छह बार जीत दर्ज की है.  

ऐसा नहीं कि कांग्रेस ने यहां कभी चुनाव नहीं जीता. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और इंदिरा गांधी के करीबी सहयोगी विद्या चरण शुक्ला ने इस निर्वाचन क्षेत्र से दो कार्यकाल जीते थे. छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में वोट डाले गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक रायपुर में 64.72 फीसदी वोटिंग हुई. रायपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने सुनील कुमार सोनी, कांग्रेस पार्टी ने प्रमोद दुबे में कांटे की टक्कर नजर आ रही है. 

वहीं यहां अन्य प्रत्याशियों में बहुजन समाज पार्टी ने खिलेश कुमार साहू उर्फ खिलेश्वर, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अजय चकोले, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया ने इकरम सैफी, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने छबि लाल कंवर, भारतीय किसान पार्टी ने तमेश्वर साहू, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (A) ने देवकी दुबे उर्फ संध्या, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) की ओर से देवेंद्र कुमार पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा गया है.

रायपुर लोकसभा सीट पर इस बार कुल 25 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बीते चुनाव की बात करें तो साल 2014 में रायपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के रमेश बैस ने जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी सत्य नारायण शर्मा ने इस चुनाव में करारी हार का मुह देखा था. रमेश बैस को 6 लाख 54 हजार 922 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सत्य नारायण शर्मा को कुल 4 लाख 83 हजार 276 वोट ही हासिल हुए थे. 

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