आजमगढ़ लोकसभा सीट: क्या अखिलेश की 'साईकिल' से मुकाबला कर पाएगा निरहुआ 'रिक्शावाला'
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आजमगढ़ लोकसभा सीट: क्या अखिलेश की 'साईकिल' से मुकाबला कर पाएगा निरहुआ 'रिक्शावाला'

2014 के आम चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. मौजूदा सांसद मुलायम सिंह ने बीजेपी के उम्मीदवार और अपने राजनीतिक शागिर्द रमाकांत यादव को हराया था.

1957 से अबतक आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 15 बार आम चुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर 2009 में बीजेपी ने अपना खाता खोला था.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) अपने अंतिम दौर में है और 23 मई को चुनावी नतीजों के साथ तय हो जाएगा कि देश में किसी सरकार बनेगी. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. दरअसल, आजमगढ़ लोकसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत को संभालने के लिए चुनावी मैदान में हैं. बता दें कि 2014 में हुए आम चुनाव ने मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ा था. दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद मुलायम ने आजमगढ़ को ही अपना संसदीय क्षेत्र चुना था. 

ये रहा था 2014 का जनादेश
2014 के आम चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. मौजूदा सांसद मुलायम सिंह ने बीजेपी के उम्मीदवार और अपने राजनीतिक शागिर्द रमाकांत यादव को हराया था. मुलायम को चुनाव में 3,40,306 वोट हासिल हुए थे. वहीं, रमाकांत को 2,77,102 वोट मिले थे. मुलायम ने दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत को करीब 63,000 वोटों से शिकस्त दी थी. वहीं, बसपा के शाह आलम 2,66,528 वोट के साथ इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे.

ऐसा रहा है राजनीतिक इतिहास
1957 से अबतक आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 15 बार आम चुनाव हो चुके हैं. इस सीट पर 2009 में बीजेपी ने अपना खाता खोला था. आजमगढ़ लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को उनके ही राजनीतिक शागिर्द रहे रमाकांत यादव ने कड़ी टक्कर दी थी. मुलायम ने एक रैली के दौरान कहा भी था कि मैं आजमगढ़ से हार ही गया था लेकिन, मेरे परिवार की मेहनत के कारण ही मैं जीत पाया. बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट पर रमाकांत यादव की खासी पकड़ है. 2009 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी. 

 

हालांकि, इस बार आजमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी ने रमाकांत यादव का टिकट काट दिया था. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रमाकांत ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से 1996 में सपा की टिकट पर जीत हासिल की थी. वहीं, 2004 में रमाकांत बसपा में शामिल हो गए और जीत दर्ज की. 2009 में वह बीजेपी से चुनाव लड़े और जीत गए. 

छठवें चरण में हुआ था मतदान
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 17,03,121 है. इनमें से 9,41,447 पुरुष मतदाता और 7,61,573 महिला मतदाता हैं. आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बीजेपी को चुनौती देने के लिए चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इस सीट पर भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ पर दांव लगाया है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से कोई प्रत्याशी नहीं खड़ाकर चुनावी रण को सपा बनाम बीजेपी कर दिया है. आजमगढ़ संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के छठवें चरण में 12 मई को मतदान हुआ था.

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