फरीदकोट लोकसभा सीट: बादल परिवार के गढ़ पर 'आप ने किया था कब्जा, होगी कांटे की टक्कर
Advertisement
trendingNow1520273

फरीदकोट लोकसभा सीट: बादल परिवार के गढ़ पर 'आप ने किया था कब्जा, होगी कांटे की टक्कर

कृषि ही पंजाब के लोगों का मुख्य रूप से व्यवसाय है और राज्य की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मोहम्मद सादिक को टिकट दिया है. (फाइल फोटो)

फरीदकोट: पंजाब देश का सबसे समृद्ध राज्य है. साथ ही इसे सिक्ख धर्म का घर भी कहा जाता है. चंडीगढ़ शहर पंजाब की राजधानी है. कृषि ही पंजाब के लोगों का मुख्य रूप से व्यवसाय है और राज्य की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 1947 में पंजाब का निर्माण भारत के विभाजन के समय किया गया. पंजाब राज्य में कुल 22 जिले हैं.

इस संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है. फरीदकोट आरक्षित संसदीय सीट में फरीदकोट, कोटकपूरा, जैतो, मोगा, बाघापुराना, निहाल सिंह वाला,धर्मकोट और मुक्तसर की गिद्दड़बाहा और बठिंडा की रामपुरा फुल विधानसभा सीट शामिल है.

 

1952 में देश के लिए हुए पहले लोकसभा चुनावों में इस सीट का गठन नहीं हुआ था. 1977 में यहां पहली बार लोकसभा निर्वाचन के लिए लोगों ने मतदान किया. साल 2009 में परिसीमन के बाद बादल परिवार के गढ़ की यह सीट आरक्षित कर दी गई. 2014 लोकसभा में इस सीट से आम आदमी पार्टी के प्रोफेसर साधु सिंह निर्वाचित हुए.

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मोहम्मद सादिक को टिकट दिया है. वहीं, आप ने संधू सिंह पर भरोसा जताया है. बात अगर बीजेपी और शिरोमणी अकाली दल गठबंधन की करें तो से शिरोमणी अकाली दल ने गुलजार सिंह राणिके को टिकट दिया है. 

पंजाब के रण में बहरहाल जीत किसकी होती है यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि सभी पार्टियों ने चुनाव के लिए अपनी ताकत पूरी तरह से झोंक दी है. लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है और 23 मई को जनता का फैसला लोगों के सामने होगा.

Trending news