मीसा भारती लालू परिवार से लोकसभा चुनाव में एक मात्र उम्मीदवार हैं.
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नई दिल्लीः बिहार महागठबंधन में 32 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है. जबकि 8 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान अभी होना बांकी है. आरजेडी एक सीट शिवहर पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. महागठबंधन में उम्मीदवारों के ऐलान के बाद बिहार कि सियासी हवा बदलने लगी है. कई सीटों पर नेतआों के बीच टकरार दिखने लगा है तो कई पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोकने लगे हैं. वहीं, लालू परिवार से मीसा भारती एक मात्र उम्मीदवार हैं. हालांकि वह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं जिसके बाद भी आरजेडी ने उन्हें पाटलिपुत्र सीट से टिकट दिया है.
मीसा भारती को टिकट देने के बाद बिहार की सियासत में कयासों का बाजार गरम हो गया है. चुंकि वह पहले से ही राज्यसभा सांसद हैं जिसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट दिया गया. जबकि कई नेताओं के टिकट काट दिए गए.
मीसा भारती को टिकट देना आरजेडी की मजबूरी मानी जा रही है. माना जा रहा है कि लालू परिवार में पहले से ही शीत कलह मचा हुआ है. तेजप्रताप यादव पहले ही बगावती सुर में बात कर रहे हैं. वहीं, तेजप्रताप यादव ने मीसा भारती के लिए पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ने के लिए मोर्चा पहले ही खोल दिया. वहीं, मीसा भारती भी लगातार पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रही थी.
गुरुवार शाम को तेजप्रताप यादव ने छात्र आरजेडी के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, अब मुश्किल यह भी हो गई कि अगर मीसा भारती का टिकट कटता है तो इसका अंजाम क्या होगा.
आरजेडी समेत तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को अंदेशा था कि अगर मीसा भारती का टिकट काटा जाता है तो परिवार से लेकर पार्टी तक भूचाल आ जाएगा. पार्टी के लिए कई मुश्किलें खड़ी हो जाएगी. जबकि तेजप्रताप पहले ही पार्टी में शिवहर सीट के प्रत्याशी को लेकर बवाल मचा रहे हैं. ऐसे में मीसा भारती को टिकट देना मुनासिब समझा गया.
मीसा भारती अब पाटलिपुत्र सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगी. इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से उम्मीदवार थी और उनके सामने आरजेडी से बीजेपी में आए रामकृपाल यादव खड़े थे. लेकिन मीसा भारती को हार का सामना करना पड़ा. बताया जाता है कि मीसा भारती इस हार का बदला लेने के लिए काफी समय से उत्सुक हैं. इसलिए वह काफी समय पहले ही पाटलिपुत्र सीट पर दावा कर रही हैं. और चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी थी.