भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं की पार्टी पर कार्रवाई की मांग पर SC में सुनवाई आज
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भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं की पार्टी पर कार्रवाई की मांग पर SC में सुनवाई आज

सुप्रीम कोर्ट चुनाव प्रचार के दौरान जाति और धर्म को आधार बना कर घृणा फैलाने वाली टिप्पणियों से निपटने संबंधी चुनाव आयोग की शक्तियों पर गौर करने को तैयार है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः जाति-धर्म के नाम पर भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं की पार्टी पर कार्रवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज फिर सुनवाई करेगा.सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा था कि धार्मिक आधार पर वोटिंग का बयान देने वाली मायावती ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, आपने क्या किया? चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा कि हमारी शक्तियां सीमित है.कोर्ट ने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था. दरअसल, जाति और धर्म को लेकर राजनेताओं और पार्टी प्रवक्ताओं के आपत्तिजनक बयानों पर राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट चुनाव प्रचार के दौरान जाति और धर्म को आधार बना कर घृणा फैलाने वाली टिप्पणियों से निपटने संबंधी चुनाव आयोग की शक्तियों पर गौर करने को तैयार है. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमोे मायावती और अन्य नेताओं के आचार संहिता के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर नाराजगी जताई थी और आयोग के पास सीमित अधिकार होने के प्रति असंतुष्टि जताई थी.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जाति और धर्म को लेकर नेता विवादित भाषण देते आ रहे हैं.उनके भाषणों में अली और बजरंग बली का नाम लेकर भी विवादित टिप्पणियां सुनी जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद ही चुनाव आयोग ने 4 बड़े नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने आजम खान, मेनका गांधी, मायावती और योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है. आयोग ने योगी और आजम खान पर 72 घंटे जबकि मेनका गांधी और मायावती पर 48 घंटे के लिए रोक लगाई है.

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