Career: ​ऐसे बनते हैं Indian Railway में लोको पायलट, चालक की जरा सी चूक से भरना पड़ता है बड़ा खामियाजा
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Career: ​ऐसे बनते हैं Indian Railway में लोको पायलट, चालक की जरा सी चूक से भरना पड़ता है बड़ा खामियाजा

Career As A ​Loco Pilot: लोगों के मन में सवाल आते होंगे कि कैसे चालक इतनी बड़ी ट्रेन चलाते हैं. आज जानेंगे कि रेलगाड़ियों को चलाने वाले लोको पायलट बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए और तैनाती कैसे होती है. 

Career: ​ऐसे बनते हैं Indian Railway में लोको पायलट, चालक की जरा सी चूक से भरना पड़ता है बड़ा खामियाजा

How to Become Indian Railway Loco Pilot: ज्यादातर भारतीय युवा इंडियन रेलवे में भर्ती होना चाहते हैं और इसके लिए कड़ी तैयारी भी करते हैं. इसमें सबसे ज्यादा ट्रेन चालक की नौकरी युवाओं को आकर्षित करती है. हालांकि, बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि रेल ड्राइवर बनने के लिए क्या करना पड़ता है. रेलवे की ओर से समय-समय पर लोको पायलट समेत विभिन्न पदों पर भर्तियां निकाली जाती हैं. अगर आप भी ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते है तो ये खबर आपके बेहद काम की हो सकती है. 

ये चाहिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
सबसे पहले बात करते हैं एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की तो आपको बता दें कि इंडियन रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए कैंडिडेट्स को 10वीं पास होना चाहिए. इसके बाद उसके पास मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, टेक्नीशियन आदि ट्रेडों में  आईटीआई की योग्यता होनी जरूरी है. 

इतनी होती है निर्धारित आयु सीमा
लोको पायलट बनने के लिए आवेदन की अधिकतम आयु 30 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. शुरुआत में रेलवे की ओर से सहायक लोकोमोटिव चालकों की भर्ती की जाती है. इसके बाद अनुभव के आधार पर उन्हें प्रमोशन मिलता है.  

लिखित परीक्षा देनी होती है
रेलवे की ओर से लोको पायलट के पदों पर ओपनिंग निकाली जाती है. इसके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन होता है, जिसमें जनरल नॉलेज, मैथ्स, करंट अफेयर्स और रीजनिंग समेत कई विषयों के सवाल पूछे जाते हैं. परीक्षा में 120 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQS) पूछे जाते हैं. 

होती है नेगेटिव मार्किंग  
रिटन एग्जाम में हर गलत जवाब के लिए एक चौथाई अंक काटा जाता है. लिखित परीक्षा क्लियर करने के बाद कैंडिडेट्स का मेडिकल होता है, जिसमें उनकी आंखों की जांच की जाती है. लोको पायलट की जरा सी चूक पैसेंजर गाड़ी में बैठे यात्रियों की जान ले लेती हैं, ऐसे में कैंडिडेट्स को रेलवे के मेडिकल टेस्ट की कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. 

पहली पोस्टिंग
मेडिकल के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है और फिर कैंडिडेट्स की ट्रेनिंग शुरू होती है. ट्रेनिंग के बाद उन्हें असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में सबसे पहले मालगाड़ी चलाने की जिम्मेदारी दी जाती है. इसके बाद उन्हें पैसेंजर ट्रेन का संचालन करने दिया जाता है.

सैलरी
असिस्टेंट लोको पायलट को शुरू में 30- 35 हजार सैलरी हम महीने मिलती है. इसके अलावा सभी तरह के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं. प्रमोशन के बाद सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट, लोको पायलट और लोको सुपरवाइजर पद तक पहुंचते हैं और अनुभव के साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है. 

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