Difference Between Pistol And Revolver: ज्यादातर लोगों में रिवाल्वर और पिस्टल को लेकर कंफ्यूजन रहता है. जब रिवाल्वर से फायर करते हैं तो उसमें एक सिलेंडर अपने आप घूमता है और गोली बैरल के सामने की तरफ आ जाती है, जबकि पिस्टल में मैग्जीन यूज होती है.
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Difference Between Pistol And Revolver: आपने कई बार पुलिस और बदमाशों के बीच एनकाउंटर का मामला पढ़ा या सुना होगा. फिल्मों, वेबसीरीज आदि में भी पुलिस और गुंडों के हाथ में गन देखी होगी. दरअसल, जब कभी हैंडगन की बात होती है तो पिस्टल और रिवॉल्वर का नाम सबसे पहले सामने आता है. आपके मन में रिवाल्वर और पिस्टल को लेकर कई तरह के सवाल भी आए होंगे. क्या आपको पता हैं रिवाल्वर और पिस्टल अलग चीज हैं? तो आज हम आपको बताएंगे कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है.
रिवाल्वर के बारे में जानें
सैमुअल कॉल्ट ने साल 1836 में यह हैंडगन बनाई थी. इन्हें आपने अक्सर पुरानी फिल्मों आदि में देखा ही होगा. घूमने वाल सिलेंडर का इस्तेमाल किए जाने के कारण इसका नाम रिवॉल्वर पड़ा था. रिवॉल्वर का इस्तेमाल बहुत वर्षों से किया जा रहा है. इसकी रेंज 50 से लेकर 100 मीटर तक होती है.
रिवाल्वर एक तरह की बंदूक होती है. इस हैंडगन में घूमने वाले सिलेंडर में गोलियां लगाई जाती हैं. इसमें टोटल 6 गोलियां डाली जा सकती हैं. इससे फायर करने पर पीछे की तरफ से एक हैमर नुमा चीज से गोली आगे निकलती है. गोली चलने के बाद सिलेंडर अपने आप घूमता है और दूसरी गोली सामने आ जाती है. गोलियां खत्म होने के बाद रिवाल्वर में से सिलेंडर को बाहर निकालते हैं और उसमें गोलियां भरी जाती हैं.
पिस्टल के बारे में जानें
इसमें अधिकतम 20 गोली भरी जा सकती हैं. इसकी रेंज भी 50 से लेकर 100 मीटर तक होती है. ये ऑटोमेटिक व सेमी ऑटोमेटिक दोनों तरह की होती है. जिस तरह से समय-समय पर कोई भी चीज अपग्रेड की जाती है और उसका बेहतर वर्जन आता है. ठीक उसी तरह पिस्टल हैंडगन का एक अपग्रेड वर्जन ही है. इसमें गोलियां रिवाल्विंग सिलेंडर में नहीं डालनी पड़ती हैं, बल्कि पिस्टल में एक मैगजीन लगी होती है.
यह हैंडगन इस तरह से डिजाइन की गई है कि इसमें स्प्रिंग के जरिए गोली फायर पॉइंट पर सेट हो जाती है. इससे एक के बाद एक कई फायर किए जा सकते हैं. जैसे कि आपको बताया कि यह अपग्रेड वर्जन है तो जाहिर है कि रिवाल्वर की अपेक्षा इससे काफी तेजी से गोली चलती है. इसके अलावा इसमें गोली लोड करने में भी बिल्कुल भी समय नहीं लगता है.
ऑटोमेटिक पिस्टल में तो सिर्फ ट्रिगर दबाने से ही काम हो जाता है. जहां इसके फायदे है ठीक उसी तरह इसका सबसे बड़ा डिसएडवांटेज भी यहीं है, क्योंकि इसी कारण हादसा होने जोखिम हमेशा लगा रहता है.