इंडियन ऑयल का चार लाख करोड़ का रिकॉर्ड कारोबार
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इंडियन ऑयल का चार लाख करोड़ का रिकॉर्ड कारोबार

पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की उनकी वास्तविक लागत से काफी कम दाम पर बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने बीते साल घरेलू बाजार में रिकॉर्ड पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री कर चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड कारोबार किया।

नई दिल्ली : पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की उनकी वास्तविक लागत से काफी कम दाम पर बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने बीते साल घरेलू बाजार में रिकॉर्ड पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री कर चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड कारोबार किया।
वित्त वर्ष 2011-12 में विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों के बिक्री कारोबार से इंडियन ऑयल की कुल आय एक साल पहले के मुकाबले 25 प्रतिशत बढ़कर 4,09,957 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान कंपनी ने घरेलू बाजार में सात करोड 01 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया। उत्पादों की बिक्री में पांच प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई। बाजार हिस्से के मामले में 49.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इंडियन ऑयल सबसे आगे रही।
इंडियन ऑयल के चेयरमैन आरएस बुटोला ने सोमवार को कंपनी के सालाना परिणाम जारी करते हुये कहा, इंडियन ऑयल को महारत्न कंपनी का दर्जा मिलने के बाद मार्च में महारत्न कंपनी बोर्ड की पहली बैठक हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले के 7,445 करोड़ रुपये से घटकर 3,955 करोड़ रुपये रह जाने के बाद आने वाले वर्षों में स्थिति में सुधार लाना जरुरी होगा अन्यथा कंपनी के लिये महारत्न दर्जा बचाये रखना चुनौती बन सकता है।
महारत्न का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को तीन वर्ष के दौरान औसतन 5,000 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज करना होता है। इंडियन ऑयल ने 2010-11 में 7,445 करोड़ और 201.12 में 3,955 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया। वर्ष 2009-10 में उसका लाभ 10,000 करोड़ के आसपास रहा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों के लगातार बढ़ते दाम और घरेलू बाजार में दाम नहीं बढ़ा पाने की चुनौती के बीच इनकी बढ़ती खपत उसके लिये चुनौती बनती जा रही है। समाप्त वर्ष में कंपनी को सरकार से सब्सिडी समय पर नहीं मिल पाने की वजह से कर्ज लेकर उत्पादों की आपूर्ति जारी रखनी पड़ी जिस पर उसे 2,918 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाना पड़ा।
देशभर में कंपनी के 1,205 नये पंप खुलने के साथ ही उसके पेट्रोलपंप और खुदरा बिक्री केन्द्रों का नेटवर्क 20,000 को पार कर गया, नये पंपों में 708 ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषतौर पर किसान सेवा केन्द्र खोले गये। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी वितरण बढ़ाने पर केन्द्रित 377 राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरक केन्द्र भी खोले गये। (एजेंसी)

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