टेलीकॉम कंपनियों को विदेशों से कर्ज जुटाने की अनुमति
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टेलीकॉम कंपनियों को विदेशों से कर्ज जुटाने की अनुमति

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम की आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कंपनियों को इसके भुगतान की सुविधा के लिए विदेशों से वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) के रूप में सस्ता कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी।

नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम की आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने वाली कंपनियों को इसके भुगतान की सुविधा के लिए विदेशों से वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) के रूप में सस्ता कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि 2जी नीलामी में सफल बोलीदाता को शुरुआती भुगतान करते समय घरेलू बैंकों से रुपये में लिए गए ऋण के रिफाइनेंस की अनुमति होगी, जिसे वह लंबी अवधि के सस्ती बाह्य वाणिज्यिक उधारी के जरिये चुका सकेंगे। यह उधारी स्वत: मंजूरी के जरिये उपलब्ध होगी। स्पेक्ट्रम नीलामी 12 नवंबर से शुरू होगी। दूरसंचार उद्योग ईसीबी नियमों में और ढिलाई की मांग कर रहा है क्योंकि बैंक उद्योग को रिण देने में हिचक रहे हैं।
दूरसंचार क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने इससे पहले जनवरी, 2010 में भी सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटन के समय भुगतान के लिए रुपये में लिए कर्ज को 12 महीने की समयसीमा के भीतर दीर्घकालिक शर्तों पर ईसीबी कर्ज से चुकाने की अनुमति दी थी।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सफल बोलीदाता कुछ नियम और शर्तों के साथ स्वत: मंजूरी मार्ग से शुरुआती भुगतान के लिए ‘ब्रिज फाइनेंस’ के तौर पर अल्पावधि ऋण जुटा सकते हैं, जिसे बाद में कुछ नियम और शर्तों के साथ दीर्घकालिक ईसीबी ऋण लेकर चुकाया जा सकता है। सरकार अगले सप्ताह सभी 22 दूरसंचार सर्किलों में 5 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। इसके लिए न्यूनतम बोली मूल्य 14,000 रुपये रखा गया है। नीलामी का न्यूनतम मूल्य पहले के मूल्य से सात गुणा अधिक है। इससे पहले स्पेक्ट्रम का आवंटन लाइसेंस के साथ किया गया था। दूरसंचार क्षेत्र की बड़ी कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन ने नीलामी में भाग लेने का आवेदन किया है जबकि रिलायंस और रुस की सिस्तेमा ने हालांकि, इससे अलग रहने का फैसला किया है। (एजेंसी)

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