पेट्रोल में लगी आग, 7.50 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी
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पेट्रोल में लगी आग, 7.50 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी

पेट्रोल की दरों में 7.50 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। बढ़ी हुई दरें बुधवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएंगी।

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : पेट्रोल की दरों में 7.50 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। बढ़ी हुई दरें बुधवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएंगी। इस बढ़ोतरी के खिलाफ वामपंथी दलों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को पेट्रोल की कीमत में इजाफा कर दिए जाने से चार महानगरों में आधी रात के बाद से परिवर्तित मूल्य पर पेट्रोल उपलब्ध होगा। चार महानगरों में 7.54 रुपये एवं 7.98 रुपये प्रति लीटर के बीच बढ़ोतरी होगी। चार महानगरों में पेट्रोल के संशोधित मूल्य प्रति लीटर कुछ इस प्रकार होंगे :
नई दिल्ली : वर्तमान मूल्य-65.64, संशोधित मूल्य- 73.18 रुपये, अंतर-7.54 रुपये।
मुम्बई : वर्तमान मूल्य-70.66, संशोधित मूल्य- 78.57 रुपये, अंतर-7.91 रुपये।
कोलकाता : वर्तमान मूल्य-70.03 रुपये, संशोधित मूल्य- 77.88 रुपये, अंतर-7.85 रुपये।
चेन्नई : वर्तमान मूल्य-69.55 रुपये, संशोधित मूल्य- 77.53 रुपये, अंतर-7.98 रुपये।
संसद का बजट सत्र मंगलवार को समाप्त होने के साथ ही इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि तेल विपणन कंपनियां किसी भी समय पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी का घोषणा कर सकती है। घटक दलों की नाराजगी के बावजूद सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए हरी झंडी दे दी।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वित्त विधेयक पर संसद के दोनों सदनों में वित्तीय विधेयक पर हुई चर्चाओं का उत्तर देते हुए इस बात के संकेत दिए थे कि यदि कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति बिगड़ सकती है। विदेशों में कच्चे तेल की कीमतों में फिलहाल नरमी का संकेत है, किंतु डालर के मुकाबले टूटते रुपए ने कंपनियों की चिंता को बढ़ा दिया है। देश में ईंधन की जरूरत को पूरा करने के लिए कुल मांग का करीब 70 प्रतिशत कच्चा तेल आयात किया जाता है। तेल कंपनियों का कहना है कि वर्तमान में पेट्रोल पर अंडर रिकवरी 7.17 रुपए है और इसमें स्थानीय करों को मिला दिया जाएगा तो कम से कम 8.60 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की जानी चाहिए।
तेल कंपनियां ने पेट्रोल की कीमत में एक दिसम्बर 2011 को अंतिम बार बढ़ोतरी की थी और इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और अरुणाचल प्रदेश की विधानसभाओं और अप्रैल में दिल्ली नगर निगमों के चुनाव फिर बजट सत्र की वजह से दाम नहीं बढ़ाए जा सके। हालांकि इस दौरान कंपनियों ने सरकार से दाम बढ़ाने की अनुमति मांगी थी, किंतु सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली।

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