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बर्लिन : जर्मनी की कंपनी ने दावा किया है कि उसे भारत सरकार अथवा राज्य सरकार से भोपाल गैस त्रासदी स्थल से 350 टन जहरीला कूड़ा निपटाने का कोई अनुबंध नहीं मिला है। इसलिए उसने अपने पेशकश वापस ले ली।
जर्मनी की सरकारी विकास एजेंसी जर्मन एजेंसी फोर इंटरनेशनल कापरेरेशन (जीआईजेड) के प्रवक्ता ने कहा, हम अनुबंध के आधार पर काम करते हैं। कूड़े के निपटान के लिए भारत की ओर से कोई अनुबंध नहीं मिला है। यहां तक कि बातचीत के तीन महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ।
गौरतलब है कि जीआईजेड ने भारत सरकार से समझौता में प्रगति नहीं होने का हवाला देकर पिछले हफ्ते भोपाल स्थित बंद यूनियन कर्बाइड संयंत्र परिसर में करीब 28 साल से पड़े जहरीले कूड़े के निपटान से खुद को अलग करने की घोषणा की।
कूड़े के निपटान से जुड़े समझौते की शुरुआत जून में हुई थी। जीआईजेड़ अनुबंध मिलने पर यूरोप में कूड़े के निपटान के वास्ते निविदा जारी करने की योजना बना रही थी। प्रवक्ता ने वार्ता टूटने के संबंध में विस्तार से नहीं बताया। (एजेंसी)