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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि लापता सरकारी कर्मचारी या पेंशनर के परिवार के सदस्य उसकी पेंशन, ग्रेच्युटी और छुट्टियों के एवज में नकद राशि (लीव इनकैशमेंट) सहित सभी लाभ हासिल कर सकते हैं। कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी नवीनतम निर्देशों में कहा गया है कि उग्रवादियों या आतंकवादियों द्वारा अपहृत किए गए किसी सरकारी कर्मचारी या पेंशनर व्यक्ति के परिवार के सदस्य भी सरकार द्वारा दिए जाने वाले सभी तरह के आर्थिक लाभ पाने के हकदार होंगे।
बहरहाल, किसी तरह की जालसाजी या अपराध को अंजाम देने के बाद लापता हुए सरकारी कर्मचारी या पेंशनर व्यक्ति के परिवार वाले पेंशन अथवा किसी तरह के अन्य लाभ के हकदार नहीं होंगे।
निर्देश में कहा गया है लापता कर्मचारी, पेंशनर या पारिवारिक पेंशन पाने वाले व्यक्ति के लापता होने के मामले में परिवार के सदस्य पारिवारिक पेंशन, बकाया वेतन, बकाया लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ और ग्रेच्युटी की राशि (जो कुछ भी पहले न ली गई हो) के लिए उस संस्थान के मुख्यालय में आवेदन कर सकते हैं जहां कर्मचारी, पेंशनयाफ्ता व्यक्ति या पारिवारिक पेंशन पाने वाला व्यक्ति अपने सेवाकाल के आखिरी दिनों में कार्यरत था। यह आवेदन पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के छह माह बाद किया जा सकता है।
निर्देश के अनुसार, परिवार के सदस्यों को संबद्ध पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और पुलिस से यह रिपोर्ट हासिल करनी चाहिए कि लापता कर्मी का पता लगाने के लिए तमाम प्रयास किए गए लेकिन उसका पता नहीं चल पाया। इसमें कहा गया है कि यह रिपोर्ट प्राथमिकी या ‘दैनिक डायरी’ या ‘जनरल डायरी एंट्री’ हो सकती है।
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों को जारी आदेश में कहा गया है ‘लापता कर्मी, पेंशनर या पारिवारिक पेंशनभोगी द्वारा नामित व्यक्ति या आश्रितों से एक क्षतिपूर्ति बॉन्ड लेना चाहिए कि अगर लापता कर्मी, पेंशनर या पारिवारिक पेंशनभोगी व्यक्ति मिल जाता है और किसी तरह का दावा करता है तो उसे किया जाने वाला भुगतान, दी जा चुकी राशि में समायोजित कर लिया जाएगा।’ इसमें आगे कहा गया है कि सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी का भुगतान परिवार को आवेदन देने की तारीख के बाद वाले तीन माह में कर दिया जाएगा। इसमें विलंब होने की स्थिति में लागू दरों पर ब्याज दिया जाना चाहिए और विलंब की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
यह भी कहा गया है कि मृत्यु पश्चात ग्रेच्युटी और सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी के बीच के अंतर वाली राशि का भुगतान कर्मचारी की मृत्यु सत्यापित होने के बाद किया जाना चाहिए या पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की तारीख के बाद सात साल की अवधि खत्म होने के बाद किया जाना चाहिए। इसमें यह भी कहा गया है ‘बकाया वेतन, बकाया लीव इनकैशमेंट और बकाया जीपीएफ की राशि का भुगतान कर्मचारी द्वारा नामित किए गए व्यक्ति को पुलिस की रिपोर्ट और क्षतिपूर्ति बॉन्ड का एक ब्यौरा पेश करने के बाद कर दिया जायेगा।’ (एजेंसी)