विदेशों में जमा धन का रिकॉर्ड लाएगी सरकार
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विदेशों में जमा धन का रिकॉर्ड लाएगी सरकार

विदेशों में रखे कालेधन की जांच का दायरा बढ़ाते हुए वित्त मंत्रालय ने करचोरों को पनाह देने वाले और अन्य देशों को पत्र लिखकर चुनींदा मामलों में बैंक लेन-देन से जुड़ी पुरानी सूचना प्राप्त करने का फैसला किया है।

 

नई दिल्ली : विदेशों में रखे कालेधन की जांच का दायरा बढ़ाते हुए वित्त मंत्रालय ने करचोरों को पनाह देने वाले और अन्य देशों को पत्र लिखकर चुनींदा मामलों में बैंक लेन-देन से जुड़ी पुरानी सूचना प्राप्त करने का फैसला किया है।

 

शीषर्स्थ सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करचोरों की पनाहगाह माने जाने वाले विशेषअधिकार क्षेत्र वाले द्वीपों और कई स्थलों सहित विभिन्न देशों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर अब इन देशों से दोहरी कराधान निवारण संधि (डीटीएए) के संशोधित प्रावधानों के तहत बैकिंग सूचना लेने के लिए पत्र लिखा जायेगा।

 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, सीबीडीटी ने लगभग 75 देशों के साथ डीटीएए और कर सूचना आदान-प्रदान समझौते (टीआईईए) के तहत सूचनाओं के आदान-प्रदान की संभावनाओं के विस्तार के लिए बातचीत शुरू की है। कुछ देशों से चुनिंदा खातों से जुड़ी पिछली बैकिंग सूचनाएं मांगी जा रही हैं क्योंकि आयकर विभाग को इनमें धन जमा करने की खबर मिली है। उन्होंने बताया कि जिन देशों को चिट्ठी लिखी जाएगी उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड आदि शामिल हैं। भारत ने फिलहाल 60 देशों और क्षेत्रों के साथ वार्ताओं का दौर पूरा कर लिया है जिनमें 24 मौजूदा डीटीएए, 19 नए डीटीएए और 17 टीआईईए शामिल हैं जबकि 26 अन्य देशों के साथ बातचीत चल रही है।

 

सूत्रों ने बताया, कुछ समझौते मसलन स्विट्जरलैंड जैसे देशों के साथ हुए समझौते के तहत सीबीडीटी अतीत में हुए हस्तांतरण और बैंक से जुड़ी सूचनाएं नहीं मांग सकता लेकिन कुछ समझौते के तहत यह सूचना प्राप्त की जा सकती है। ऐसे देश और करचोरी के धन के लिए सुरक्षित देशों से संपर्क किया जा रहा है।  (एजेंसी)

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