कप्तान शेन वाटसन को तोड़ना होगा मिथक
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कप्तान शेन वाटसन को तोड़ना होगा मिथक

आस्ट्रेलिया के 44वें टेस्ट कप्तान बने शेन वाटसन के लिये परिस्थितियां ही नहीं बल्कि पिछले रिकार्ड भी निराश करने वाले हैं, क्योंकि पिछले तीन दशक से अधिक समय से भारतीय सरजमीं पर टेस्ट कप्तानी में पदार्पण करने वाले विदेशी कप्तानों को जीत नहीं मिली है।

नई दिल्ली : आस्ट्रेलिया के 44वें टेस्ट कप्तान बने शेन वाटसन के लिये परिस्थितियां ही नहीं बल्कि पिछले रिकार्ड भी निराश करने वाले हैं, क्योंकि पिछले तीन दशक से अधिक समय से भारतीय सरजमीं पर टेस्ट कप्तानी में पदार्पण करने वाले विदेशी कप्तानों को जीत नहीं मिली है।
माइकल क्लार्क पीठ दर्द के कारण भारत के खिलाफ चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में नहीं खेल पा रहे हैं और उनकी जगह वाटसन को टीम की कमान सौंपी गयी है। वह बिल लारी और रे लिंडवाल के बाद पहले आस्ट्रेलियाई कप्तान हैं जिन्होंने भारत में अपनी कप्तानी का आगाज किया है। वाटसन वैसे भारत में कप्तानी का आगाज करने वाले कुल 14वें विदेशी खिलाड़ी हैं लेकिन इनमें से अब तक केवल दो ही कप्तानों को अपने पदार्पण टेस्ट मैच में जीत मिली है। इंग्लैंड के टोनी लुईस ने कप्तान के रूप में अपना पहला टेस्ट मैच 1972 में दिल्ली में ही खेला था और इसमें उनकी टीम छह विकेट से जीती थी।
इसके दो साल बाद दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक क्लाइव लायड ने भी भारतीय सरजमीं पर पहली बार टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। बेंगलूर में 1974 में खेले गए इस मैच में वेस्टइंडीज ने 267 रन से जीत दर्ज की थी। भारत में जिन पिछले पांच कप्तानों ने अपनी कप्तानी पारी की शुरुआत की उन्हें अपने पहले टेस्ट मैच में सफलता नहीं मिली। इंग्लैंड के कीथ फ्लैचर (1981) और एलेक स्टीवर्ट (1993) तथा न्यूजीलैंड के ली जर्मोन (1995) को हार का सामना करना पड़ा था जबकि इस बीच पाकिस्तान के जहीर अब्बास (1983) और इंग्लैंड के एंड्रयू फ्लिन्टाफ (2006) ने मैच ड्रा कराए थे। (एजेंसी)

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