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बगदाद : इराक की राजधानी बगदाद और कई अन्य शहरों में शिया श्रद्धालुओं को निशाना बना कर किए गए विभिन्न कार बम हमलों में कम से कम 65 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। अमेरिकी फौजों के इराक से हटने के बाद से ये सबसे भीषण हमलों में से एक थे। यह रक्तपात राजनीतिक विभाजन की पृष्ठभूमि में हुआ है। इसके कारण तनाव बढ़ गया है तथा इससे हिंसा का नया दौर शुरू होने की आशंका बन गयी है जिससे इराक गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच सकता है। इन हमलों की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन शक की सुई सुन्नी विद्रोहियों की ओर घूम रही है जो इराक में अक्सर शियाओं को निशाना बनाते रहते हैं। अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। यह हमले बगदाद में चार अलग अलग स्थानों पर शियाओं के जुलूसों को निशाना बना कर किए गए।
इस सप्ताह सालाना आयोजनों को निशाना बना कर किया गया यह तीसरा हमला है। वाषिर्क तीर्थयात्रा में हजारों श्रद्धालु बगदाद के उत्तरी पड़ोस काजीमिया की स्वर्ण गुंबद वाली मजार पर जुटते हैं। यह आयोजन आठवीं शताब्दी के शिया धर्मगुरू इमाम मूसा अल कादिम की पुण्यतिथि मनाने के लिए एकत्र होते हैं। आयोजन शनिवार को खत्म होगा।
दो पुलिस अधिकारियों ने नाम जाहिर न करने के अनुरोध पर बताया कि पहला हमला उत्तरी बगदाद में ताजी के समीप सुबह पांच बजे हुआ जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और 22 घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कुछ ही घंटे बाद राजधानी के तीन अलग अलग स्थानों पर अन्य जुलूसों को निशाना बना कर तीन और विस्फोट किए गए जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। दो पुलिस अधिकारियों और एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि बगदाद से करीब 95 किमी दूर हिल्ला शहर में तड़के दो कर बम विस्फोट हुए जिसमें 21 लोग मारे गए और 53 घायल हो गए।
एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, करबला शहर के समीप सुबह आठ बजे विस्फोटक से लदी कार में विस्फोट होने से दो लोगों की मौत हो गई और 22 अन्य घायल हो गए। शिया बहुल बलाद शहर में दो कार बम विस्फोटों से सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 34 घायल हो गए। (एजेंसी)