अजित सिंह नीत रालोद संप्रग में शामिल
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अजित सिंह नीत रालोद संप्रग में शामिल

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) इन अटकलों के बीच सोमवार को औपचारिक रूप से संप्रग में शामिल हो गया कि इसके प्रमुख अजित सिंह को कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा। लोकसभा में रालोद की पांच सीटें हैं। रालोद के संप्रग में शामिल होने के साथ ही संप्रग के सांसदों की संख्या 272 से बढ़कर 277 हो गई है।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) इन अटकलों के बीच सोमवार को औपचारिक रूप से संप्रग में शामिल हो गया कि इसके प्रमुख अजित सिंह को कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा। लोकसभा में रालोद की पांच सीटें हैं। रालोद के संप्रग में शामिल होने के साथ ही संप्रग के सांसदों की संख्या 272 से बढ़कर 277 हो गई है।

 

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अजित सिंह ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र सौंपा जिसमें कहा गया है कि रालोद संप्रग में शामिल होना चाहेगा और संप्रग ने इस पर अपनी सहमति जता दी है।

 

इन अटकलों के मद्देनजर कि अजित सिंह को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा, दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि अगला नागरिक उड्डयन मंत्री कौन होगा, उन्‍होंने कहा कि आप यह प्रश्न गलत व्यक्ति से पूछ रहे हैं। अजित सिंह ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आज मुलाकात की जिससे उनके केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने की अटकलों को और हवा मिल गई है। दिग्विजय सिंह उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी हैं।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सपा के सांसद राशिद मसूद भी उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। संभावना है कि इससे पार्टी को मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने में मदद मिलेगी। मसूद ने कहा कि मैंने सांप्रदायिक ताकतों की ओर से भ्रष्टाचार के मुद्दे का इस्तेमाल करके मजबूत होने के प्रयास के मद्देनजर यह निर्णय किया है।

 

उन्होंने कहा कि उनका यह निर्णय सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस ‘विवादास्पद बयान के मद्देनजर भी किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग में मुस्लिमों को आरक्षण से अन्य पिछड़ा वर्ग का हिस्सा प्रभावित होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रालोद कांग्रेस के साथ गठबंधन करके 403 सीटों में से 45 पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगा। रालोद वर्ष 2009 चुनाव के बाद संप्रग में शामिल होने वाला पहला राजनीतिक दल है। अजित सिंह इस गठबंधन में उस समय शामिल हुए थे जब कांग्रेस के कुछ सहयोगी दल और अधिक हठधर्मी हो गए थे।

 

दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत पिछले कुछ समय से चल रही थी। इस सप्ताह के शुरू में दिग्विजय सिंह ने यह आशा जताई थी कि गबंधन को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

(एजेंसी)

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