आंदोलन का मुख्य बिंदू जनलोकपाल: अन्ना
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आंदोलन का मुख्य बिंदू जनलोकपाल: अन्ना

समाजसेवी अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अनशन के दूसरे दिन कहा कि उनके आंदोलन का उद्देश्य जनलोकपाल विधेयक है और 15 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग इसी का हिस्सा है।

नई दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अनशन के दूसरे दिन कहा कि उनके आंदोलन का उद्देश्य जनलोकपाल विधेयक है और 15 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच की मांग इसी का हिस्सा है।
अन्ना ने गुरुवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या टीम अन्ना ने अपना ध्यान भ्रष्टाचार से हटाकर व्यक्ति विशेष पर केंद्रित कर लिया है, कहा कि यह (15 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच) इसका (मांग) एक हिस्सा है और हमारा मुख्य जोर जनलोकपाल पर है और इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे। जनलोकपाल हमारा उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि जब तक दागी मंत्री संसद में रहेंगे तब तक जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना के अनिश्चितकालीन अनशन के दूसरे दिन गुरुवार सुबह जंतर-मंतर परिसर में कोई खास भीड़ नहीं जुटी। सुबह तो आंदोलन के नेता भी कम ही नजर आए।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और किरण बेदी अनशन स्थल पर सुबह 11 बजे पहुंचे। ऐसे में टीम अन्ना के साथ इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठे हुए लोगों को निराशा हुई। इस अनशन की अगुवाई कर रहे अरविंद केजरीवाल भी वहां मौजूद नहीं थे। टीम अन्ना के एक सदस्य ने बताया कि केजरीवाल दिल्ली से बाहर हैं और वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर गए हैं। केजरीवाल के शाम तक अनशन स्थल पर लौटने की उम्मीद है। उनके साथ अनशन पर बैठे अन्य नेता मनीष सिसौदिया व गोपाल राय हैं।
फरीदाबाद के रहने वाले रमेश दयाल शर्मा ने बताया कि मैं सुबह करीब आठ बजे यहां पहुंचा लेकिन 11 बजे तक यहां कोई नहीं था। यह निराशाजनक था। (एजेंसी)

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