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नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक कांस्टेबल को बहाल करने का निचली अदालत का फैसला यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह ‘न्याय के विरुद्ध’ है।
अतिरिक्त जिला जज पंकज गुप्ता ने कांस्टबल जोगिन्दर सिंह को बहाल करने का आदेश सीआईएसएफ के आग्रह पर रद्द किया। उन्होंने कहा कि फैसले और बहस को देखते हुए कहा जा सकता है कि निचली अदालत का फैसला न्याय के विरुद्ध है और रद्द करने योग्य है। यह आदेश निचली अदालत द्वारा 22 जनवरी 2011 को दिए गए फैसले के खिलाफ केंद्र और सीआईएसएफ के आग्रह पर आया।
कांस्टेबल सिंह ने बिहार के गिरीडीह में पदस्थ सीआईएसएफ के कमांडेंट द्वारा अपने खिलाफ 31 दिसंबर 1990 को दिए गए आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया था जिस पर निचली अदालत ने उसकी बहाली का फैसला सुनाया था। हरियाणा के रोहतक निवासी सिंह ने सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक द्वारा दिए गए आदेश को भी रद्द करने की मांग की थी।
निचली अदालत में अपने आग्रह में सिंह ने पूर्ण बकाये और अन्य सेवा सुविधाओं सहित अपनी बहाली की मांग की थी। सीआईएसएफ के सिपाही के खिलाफ अर्धसैनिक बल ने 3 जून 1990 को आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और उसे 31 दिसंबर 1990 के आदेश के माध्यम से सेवा से हटा दिया गया। (एजेंसी)