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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि तमिलनाडु को अंतरिम व्यवस्था के रूप में कर्नाटक से कावेरी नदी से दो टीएमसी पानी दिलाने के अनुरोध पर 10 सितंबर को विचार किया जायेगा।
न्यायमूर्ति डी के जैन और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की खंडपीठ के समक्ष तमिलनाडु ने कर्नाटक से दो टीएमसी जल दिलाने का अनुरोध उस वक्त किया जब केन्द्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कावेरी नदी प्राधिकरण की बैठक 19 सितंबर को हो रही है।।
तमिलनाडु सरकार ने अंतरिम व्यवस्था के रूप में दो टीएमसी जल उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि बारिश की कमी के कारण पहले ही एक फसल चौपट हो चुकी है और सिंचाई के लिए जल की कमी के कारण अब दूसरी फसल भी संकट में पड़ जायेगी।
कर्नाटक सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जल आपूर्ति के लिए उपलब्ध कराये गए आंकड़े सही नहीं है क्योंकि 2002 में तमिलनाडु को 46 टीएमसी पानी मिल रहा था लेकिन अब उसका दावा है कि पानी घटाकर 22 टीएमसी कर दिया गया था।
न्यायाधीशों ने कहा कि जल की आपूर्ति में कटौती के बारे में समुचित सूचना मिलने के बाद ही वे इस मसले पर विचार करेंगे।
तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच जल बंटवारे का विवाद हल करने के लिए कावेरी नदी प्राधिकरण की बैठक नहीं बुलाये जाने पर न्यायालय ने तीन सितंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को आड़े हाथ लिया था। इस प्राधिकरण के सदस्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, और केरल के मुख्यमंत्री शामिल हैं। न्यायालय ने केन्द्र से कहा कि प्राधिकरण की बैठक के बारे में उसे सूचित किया जाए।
केन्द्र सरकार ने 30 अगस्त को न्यायालय को सूचित किया था कि तमिलनाडु में फसल बचाने के लिए उसे 25.373 टीएमसी जल उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के अनुरोध पर विचार के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कावेरी नदी प्राधिकरण की बैठक शीघ्र ही बुलाई जायगी। (एजेंसी)