`नौवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा अनिवार्य बाध्यता नहीं`
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`नौवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा अनिवार्य बाध्यता नहीं`

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी संबद्ध विद्यालयों में नौवीं कक्षा से कौशल पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है, लेकिन उसने स्पष्ट किया है कि स्कूलों पर इन पाठ्यक्रमों को इसी सत्र से अनिवार्य रूप से लागू करने की बाध्यता नहीं होगी।

नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी संबद्ध विद्यालयों में नौवीं कक्षा से कौशल पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है, लेकिन उसने स्पष्ट किया है कि स्कूलों पर इन पाठ्यक्रमों को इसी सत्र से अनिवार्य रूप से लागू करने की बाध्यता नहीं होगी।
बोर्ड ने इस पाठ्यक्रम को लागू करने को इच्छुक स्कूलों की मदद के लिए कुछ निजी शिक्षा प्रदाताओं की पहचान भी की है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में नौवीं कक्षा से कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने का परिपत्र जारी होने के बाद कई स्कूलों ने बोर्ड के समक्ष कई सवाल उठाए हैं। इन सवालों के मद्देनजर बोर्ड यह स्पष्ट करना चाहता है कि इन व्यवसायिक कोर्स को इसी सत्र से लागू करने की स्कूलों की बाध्यता नहीं होगी और इच्छुक स्कूल राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ) के तहत नौवीं कक्षा से कौशल विकास से जुड़े चार में से कोई एक कोर्स लागू कर सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि एनवीईक्यूएफ के तहत नौवीं कक्षा से स्कूल स्तर पर चार कोर्स शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें खुदरा, आटोमोबाइल, सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन कोर्स को पांच नियमित अकादमिक विषयों के साथ छठे वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू किया जा सकता है। बोर्ड ने कहा है कि उच्च माध्यमिक स्तर पर वह संबद्ध स्कूलों से 40 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से कम से कम एक पाठ्यक्रम शुरू करने को प्रोत्साहन देगा। बोर्ड ने इस उद्देश्य के लिए 35 कौशल ज्ञान प्रदाताओं (एसकेपी) की पहचान की है और स्कूल इनके साथ 9वीं से 12वीं कक्षा में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए सहयोग कर सकते हैं। (एजेंसी)

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