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नई दिल्ली : भारत और कनाडा ने अपने असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वयन की दिशा में तेजी लाने का बुधवार को निर्णय लिया और तेल व गैस के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने कनाडा के विदेश मंत्री जॉन बेयर्ड के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, `हम 2010 में हुए द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग समझौते के लिए उचित व्यवस्थाओं पर बातचीत जल्द पूरी करने के लिए भी उत्सुक हैं।` इस बातचीत ने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के भारत दौरे का एजेंडा तय कर दिया है। यह दौरा नवम्बर में हो सकता है।
परमाणु समझौते के क्रियान्वयन में तेजी लाना, उन द्विपक्षीय मुद्दों में शामिल था, जिनपर दोनों मंत्रियों ने चर्चा की। इसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं ऊर्जा सम्बंधों तथा आतंकवाद निरोधी सहयोग को गहन बनाना भी शामिल था। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई मुद्दा परमाणु समझौते के क्रियान्वयन में आड़े आ रहा है, कृष्णा ने कहा कि ऐसा कोई मुद्दा नहीं है। दोनों देशों के सम्बंधों में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ऐसे मामलों पर विस्तृत काम करने की जरूरत है और दोनों देश इन्हें जल्द पूरा करने के उत्सुक हैं।
कनाडा ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण में कहा कि भारत को यूरेनियम की आपूर्ति के लिए कोई अतिरिक्त शर्त नहीं जोड़ी जा रही है। बेयर्ड ने कहा, `निश्चित तौर पर हमारी कोई अतिरिक्त चिंता नहीं है। प्रशासनिक प्रक्रियाओं व विवरणों में कुछ समय लगता है, लेकिन हम इन व्यवस्थाओं के एक सफल निष्कर्ष के लिए उत्सुक हैं।` बेयर्ड पांच दिवसीय दौरे पर रविवार को भारत पहुंचे हैं।
कनाडा को ऊर्जा की सुपर पॉवर बताते हुए कृष्णा ने कहा कि भारत कनाडा को तेल एवं गैस के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में देखता है। बेयर्ड ने कहा, `हम भारत को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए उत्सुक हैं।` (एजेंसी)