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नई दिल्ली : मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों से इंटरव्यू के लिए पाकिस्तानी न्यायिक आयोग को फरवरी के पहले हफ्ते में भारत आने की अनुमति होगी क्योंकि बंबई हाईकोर्ट ने इस यात्रा के लिए मंजूरी दे दी है।
हाईकोर्ट ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया है कि पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की टीम की यात्रा को सिद्धांतत: मंजूरी दे दी गई है। पाकिस्तान की टीम फरवरी के पहले सप्ताह आ सकती है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय राजनयिक जरियों से जल्द ही हाईकोर्ट की मंजूरी के बारे में पाकिस्तान को अवगत कराएगा। यह साफ नहीं हो सका है कि पड़ोसी देश के मौजूदा घरेलू हालात को देखते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा दरअसल हो पाएगी या नहीं।
पाकिस्तानी आयोग अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर.वी. सावंत वाघले और जांच अधिकारी रमेश महाले के बयान लेगा। वाघले और महाले ने मुंबई आतंकी हमले के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान लिया था। आयोग भारत के उन दो डाक्टरों के बयान भी दर्ज करना चाहता है, जिन्होंने हमले में मारे गए आतंकवादियों के शवों का पोस्टमार्टम किया था।
पाकिस्तान ने न्यायिक आयोग बनाने के बारे में गजट अधिसूचना जारी कर दी है और उसने उन सदस्यों की सूची भी तैयार कर दी है, जो आयोग में पाकिस्तानी सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में वहां की संघीय जांच एजेंसी के विशेष जांच समूह के प्रमुख खालिद कुरैशी और दो मुख्य अभियोजक मुहम्मद अजहर चौधरी एवं चौधरी जुल्फिकार हैं। (एजेंसी)