फलक की बहन मिली, भाई की खोज जारी
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फलक की बहन मिली, भाई की खोज जारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से जिंदगी व मौत से जूझ रही दो साल की बच्ची फलक की बहन को पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर से ढूंढ़ निकाला।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

 

नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से जिंदगी व मौत से जूझ रही दो साल की बच्ची फलक की बहन को पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर से ढूंढ़ निकाला। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि फलक की बहन सोमवार को बिहार के मुजरफ्फरपुर में मिली।

 

बिहार भेजी गई टीम ने साढ़े तीन साल की बच्ची को ढूंढ़ निकाला और उसे मंगलवार को यहां ले आया गया। पुलिस के अनुसार, दोनों बच्चियों की मां होने का दावा करने वाली मुन्नी को दूसरे विवाह के लिए बहलाने-फुसलाने वाली महिला लक्ष्मी से पूछताछ के बाद फलक की बहन को ढूंढ़ निकाला गया।

 

वहीं, स्‍पेशल सेल की पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इन युवकों के नाम राहुल और राणा है। इन पर फलक को बेचने के लिए खरीदने का आरोप है। अभी तक की जांच में ये सामने आया है कि फलक को बेचा गया था। दिल्ली पुलिस ने यहां एम्स में उपचार करा रही फलक की तीन साल की बहन का पता लगा लिया है। पुलिस को उसकी बहन बिहार से मिली है अब दोनों के बड़े भाई को खोजने की कोशिश की जा रही है। फलक की बहन सनोबर कल बिहार के मुजफ्फरपुर में मिली। एक दिन पहले ही जांच एजेंसी ने फलक की मां मुन्नी का भी पता लगा लिया था। तीन महिलाओं ने मिलकर धोखे से मुन्नी का दूसरा विवाह करा दिया था। फलक के पांच साल के भाई का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। एम्स में भर्ती फलक के हालत में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है, उसकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

 

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) छाया शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि मुन्नी की दूसरी बेटी को दिल्ली लाया गया है। सफदरजंग अस्पताल में उसकी चिकित्सकीय जांच की गई। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है। अध्यक्ष के निर्देशानुसार उसे बाल गृह भोज दिया गया है। उन्होंने बताया कि वह लक्ष्मी के रिश्तेदार के पड़ोसी के घर मिली। गोद लेने का रैकेट नहीं चल रहा है। फलक की मां को धोखा देकर उसकी दूसरी शादी कराने वाली लक्ष्मी और कांता चौधरी से पूछताछ करने के बाद सनोबर का पता चला है।

 

लक्ष्मी ने धोखे से फलक की मां का विवाह करा दिया और उसे आश्वासन दिया था कि उसके बच्चों की पूरी देखभाल की जा रही है, और अगर उसका दूसरा पति राजी हो जाता है तो वह फिर अपने बच्चों के साथ रह सकती है। फलक को एम्स में लाए जाने के साथ ही डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी की थी लेकिन अभी भी उसकी कई सर्जरी की जानी है। लेकिन संक्रमण के कारण डॉक्टर अभी उसके ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही यह पुष्टि करने के लिए कि मुन्नी फलक की मां है या नहीं उनकी डीएनए जांच कराई जाएगी।

 

उधर, एम्स के न्यूरोसर्जन डॉक्टर दीपक अग्रवाल ने कहा कि उसकी हालत कल जैसी ही है। उसकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। वह अभी भी खुद सांस नहीं ले पा रही है इसलिए उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ रहा है। फलक गत 18 जनवरी से एम्स में अपने जीवन के लिए जूझ रही है। उसे सिर में गंभीर घावों के अलावा दोनों हाथों में चोट और शरीर पर काटने के निशानों के साथ अस्पताल में लाया गया था। फलक को पिछले माह एक किशोरी एम्स में भर्ती कराने लायी थी। वह लड़की खुद वेश्यावृति के रैकेट की शिकार का शिकार थी। उस किशोरी के प्रेमी ने फलक को उसे सौंपा था।

 

पुलिस इस मामले की जांच मानव तस्करी और देर व्यापार की दृष्टि से कर रही है। अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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