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नई दिल्ली : भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस से सवाल किया कि आपराधिक मामले में दोषी पाए गए सांसदों और विधायकों को अयोग्य होने से बचाने के लिए उसने अध्यादेश लाने की जल्दबाजी क्यों दिखायी।
पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस नीत सरकार को यह बताना चाहिए कि आपराधिक मामले के दोषी सांसदों और विधायकों को अयोग्य घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को निष्प्रभावी बनाने की उसे ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि वह संसद सत्र की प्रतीक्षा न करके अध्यादेश ले आयी।’
उन्होंने प्रश्न किया, ‘ऐसी जल्दबाजी करने का कोई मकसद है क्या? विपक्ष को कटघरे में खड़ा करने से पहले सरकार बताए कि उसने इस बारे में ऐसा उतावलापन क्यों दिखाया ? उसके सांसद या मुख्यमंत्री या करीबी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं क्या? हमें नहीं पता इसलिए कांग्रेस को बात साफ करनी चाहिए।’
सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार के एक मामले में कांग्रेस सांसद रशीद मसूद के खिलाफ अगले महीने सीबीआई की अदालत द्वारा सज़ा सुना दिए जाने पर वह राज्यसभा की सदस्यता खो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय के फैसले के अंतर्गत ऐसे मामले में सीट गंवाने वाले वह पहले सांसद होंगे।
इसके अलावा संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले मामले का फैसला भी 30 सितंबर को आने वाला है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नीत यह सरकार पिछले चार साल से निष्प्रभावी बनी हुई है। नीतिगत फैसले करने के मामले में इसे जैसे लकवा सा मार गया है। ऐसे में सांसदों को बचाने के लिए इतनी फुर्ती दिखाना समझ नहीं आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि भाजपा क्या उच्चतम न्यायालय के इस फैसले को निरस्त करने के पक्ष में नहीं है, सीतारमण ने कहा कि संसद में इससे संबंधित विधेयक आने पर पार्टी अपने विचार रखेगी।
उन्होंने कहा कि इससे पहले खाद्य सुरक्षा विधेयक के मामले में भी सरकार ने ऐसी जल्दबाजी दिखाई। संसद सत्र शुरू होने में कुछ ही दिन शेष थे, लेकिन वह इस बारे में अध्यादेश ले आई। (एजेंसी)