Trending Photos
नई दिल्ली : विवादास्पद एंटरिक्स देवास करार में कार्रवाई करते हुए इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर और तीन अन्य अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के किसी भी सरकारी पदभार को ग्रहण करने पर रोक लगा दी गई है। इस विवादास्पद करार के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है। इस करार के तहत इसरो ने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर एक निजी कंपनी को एस बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया था।
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि नायर के अलावा, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सचिव के. भास्करनारायण, एंटरिक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक केआर श्री धर्ममूर्ति और इसरो अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक केएन शंकर को अंतरिक्ष विभाग ने दंडित किया है। देवास के साथ करार पर नायर के कार्यकाल में हस्ताक्षर किया गया था उस वक्त वह इसरो के अध्यक्ष थे।
नायर का भारत के प्रथम चंद्र अभियान चंद्रयान-1 के पीछे भी योगदान है। उच्च स्तरीय समिति की एक रिपोर्ट पर विचार करने के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की। प्रधानमंत्री ने पिछले साल 31 मई को पूर्व सतर्कता आयुक्त प्रत्युश सिन्हा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक उच्चस्तरीय टीम गठित की थी ताकि एंटरिक्स और देवास के बीच हुए करार के पहलुओं की पड़ताल की जा सके। (एजेंसी)