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नई दिल्ली : तत्काल आरक्षण सेवा में अनियमितता की शिकायतों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) यह जानने के लिए जांच करने पर विचार कर रहा है कि क्या रेलवे अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीवीसी तत्काल टिकट वितरण में कथित अनियमितताओं और रेलवे अधिकारियों की दलालों के साथ कथित मिलीभगत की खुद के अधिकारियों या रेल मंत्रालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी के जरिए जांच कर सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘आयोग तत्काल योजना में कथित अनियमितताओं की खबरों से अवगत है। यह तथ्यात्मक स्थिति जानने और गड़बड़ी का पता लगाने के लिए मामले की जांच पर विचार किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि जांच समिति के गठन पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
सीवीसी शीर्ष सतर्कता संस्थान के रूप में काम करता है और केंद्र सरकार के तहत सभी सतर्कता गतिविधियों पर नजर रखता है। यह विभिन्न संगठनों तथा विभागों को योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा और उनके सतर्कता कार्य में सुधार की सलाह देता है। अधिकारियों ने कहा कि आयोग को भी तत्काल योजना में कथित अनियमितताओं की कुछ शिकायतें मिली हैं ।
सीवीसी के सचिव केडी त्रिपाठी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। वह आयोग के प्रवक्ता के रूप में भी काम करते हैं। अधिकारी ने कहा, ‘यदि जांच का आदेश दिया जाता है तो यह रेलवे अधिकारियों तथा दलालों के कथित गठजोड़ पर आधारित होगी। यह योजना में संभावित खामियों को भी देखेगी।’
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने यह फैसला किया है कि 10 जुलाई से तत्काल सेवा के तहत टिकट की बिक्री यात्रा से एक दिन पहले वर्तमान समय सुबह आठ बजे की बजाय सुबह 10 बजे से शुरू होगी। (एजेंसी)