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नई दिल्ली : सेना के आठ पूर्व सैन्य प्रमुखों ने जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह के इस दावे को खारिज कर दिया कि सेना आजादी के बाद से जम्मू कश्मीर में स्थिरता लाने के लिए राज्य के कुछ खास मंत्रियों को धन दे रही है।
पूर्व सैन्य प्रमुखों ने यहां संयुक्त बयान में कहा कि सेना द्वारा किसी नेता, राजनीतिक दल या एनजीओ को उनके कार्यकाल में कभी कोई धन न तो दिया गया और ना ही वे इसकी अनुमति देते। ये पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल ओपी मल्होत्रा, एसएफ रोड्रिग्स, शंकर राय चौधरी, वेद प्रकाश मलिक, एस पद्मनाभन, एनसी विज, जेजे सिंह और दीपक कपूर हैं।
यह बयान ऐसे समय आया है जब जनरल वीके सिंह ने हाल में यह टिप्पणी करके विवाद पैदा कर दिया था कि सेना राज्य में स्थिरता लाने के लिए जम्मू कश्मीर के कुछ खास मंत्रियों को धन दे रही है। जनरल वीके सिंह ने बाद में स्पष्टीकरण दिया कि यह धन रिश्वत नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह सेना के आपरेशन सदभावना के तहत जनता का दिल जीतने के लिए किया गया।
पूर्व सैन्य प्रमुखों ने कहा कि मंत्रियों को धन देने की बात को आपरेशन सदभावना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पहलू को आपरेशन सदभावना के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए क्योंकि यह आपरेशन जम्मू कश्मीर के स्थानीय लोगों को आधारभूत ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए चलाया जाता है और इसके लिए रक्षा बजट से आडिट किया हुआ धन दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से अराजनीतिक है और वे राजनीति में शामिल नहीं होते। (एजेंसी)