उप्र के हर जिले में खुलेंगी अपराध शाखाएं, शासनादेश जारी
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उप्र के हर जिले में खुलेंगी अपराध शाखाएं, शासनादेश जारी

दिल्ली और महाराष्ट्र की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी जिला स्तर पर अपराध शाखा स्थापित की जाएंगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।

लखनऊ : दिल्ली और महाराष्ट्र की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी जिला स्तर पर अपराध शाखा स्थापित की जाएंगी। इस सिलसिले में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि जिलों में अपराध पर प्रभावी अंकुश के लिए स्थापित की जाने वाली अपराध शाखाएं सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक द्वारा सौंपे गए पेचीदा मामलों की जांच करेंगी।
उन्होंने बताया कि जिले में अपराध शाखा का प्रभार पुलिस अधीक्षक (अपराध) के जिम्मे होगा। जहां यह पद सृजित नहीं है वहां इसकी जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक या क्षेत्राधिकारी (अपराध) के पास होगी।
कुमार ने बताया कि अपराध शाखा के तीन अंग होंगे, जिनमें आपराधिक अभिसूचना, अपराध निगरानी तथा विवेचना शामिल होंगे। विवेचना के तहत गम्भीर अपराध इकाई, वित्तीय धांधली इकाई तथा साइबर अपराध इकाई काम करेंगी। अपराध निगरानी के तहत मानव तस्करी रोधी इकाई, संगठित अपराध रोधी इकाई तथा नारकोटिक्स रोधी इत्यादि इकाइयां काम करेंगी।
उन्होंने बताया कि अब जिलों में पुलिस के विशेष कार्यदलों (एसओजी) को समाप्त कर दिया गया है, जबकि विशेष जांच दस्ते का अपराध शाखा में विलय कर दिया जाएगा। कुमार ने बताया कि अपराध शाखा के तहत ‘स्पेशल वीपन एण्ड टेक्टिक्स टीम’ भी काम करेगी। इसके लिये प्रदेश के शहरों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा। पहली श्रेणी के शहरों में तैनात टीमों में 12 उपनिरीक्षक तथा इतने ही कांस्टेबल होंगे। दूसरी तथा तीसरी श्रेणी के शहरों में क्रमश: छह-छह तथा चार-चार उपनिरीक्षक एवं आरक्षी तैनात किये जाएंगे। (एजेंसी)

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