नई दिल्ली : नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषियों विकास और विशाल यादव के बार-बार तिहाड़ जेल से विभिन्न अस्पताल में जाने को ‘अतर्कसंगत’ करार देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एम्स से कहा कि वह उनकी जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करे। न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति वीके शाली की पीठ ने जेल अधिकारियों से कहा कि वे दोनों दोषियों के मेडिकल रिकॉर्ड पेश करें।
सात फरवरी को सुबह 11 बजे दोनों की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश देते हुए पीठ ने एम्स के अधिकारियों से कहा कि वे उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करें। एम्स और बत्रा अस्पताल में दोनों के इलाज के संबंध में जेल रिकार्ड का अध्ययन करने के बाद अदालत ने कहा कि कोई भी आदेश देने से पहले पीठ दोषियों की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को जानना चाहेगी।
अदालत ने एम्स और बत्रा अस्पताल में दोनों की यात्रा को ‘अतर्कसंगत’ करार देते हुए अस्पतालों से कहा कि वे तीन हफ्ते के भीतर उनका चिकित्सीय रिकॉर्ड पेश करें। पीठ ने कहा कि यह अतर्कसंगत यात्राएं हैं। कोई भी रिकॉर्ड यह नहीं दर्शाता है कि उनका टीबी का इलाज किया गया। ऐसा लगता है कि उनके अस्पताल जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। रिकॉर्ड का अध्ययन करने पर पाया गया कि विशाल 40 से अधिक बार बत्रा अस्पताल गया जबकि विकास 80 से अधिक बार एम्स गया।
अदालत ने एम्स से कहा कि वह विकास के 2008 से लेकर अब तक के मेडिकल रिकॉर्ड को 24 फरवरी को सीलबंद लिफाफे में पेश करे। अदालत ने बत्रा अस्पताल से कहा कि वह 2002 से लेकर अब तक के विशाल के इलाज से संबंधित रिपोर्ट पेश करें।