कन्नौज उपचुनाव: डिम्पल की जीत का रास्ता साफ!
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कन्नौज उपचुनाव: डिम्पल की जीत का रास्ता साफ!

उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट के लिए 24 जून को हो रहे उपचुनाव में जहां कांग्रेस और भाजपा ने सपा उम्मीदवार एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को ‘वाकओवर‘ दे दिया है, वहीं प्रदेश की राजनीति में सपा की धुर प्रतिद्वन्द्वी बसपा भी डिम्पल को कोई चुनौती देने के मूड में नहीं दिख रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट के लिए 24 जून को हो रहे उपचुनाव में जहां कांग्रेस और भाजपा ने सपा उम्मीदवार एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को ‘वाकओवर‘ दे दिया है, वहीं प्रदेश की राजनीति में सपा की धुर प्रतिद्वन्द्वी बसपा भी डिम्पल को कोई चुनौती देने के मूड में नहीं दिख रही है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को दिन में ही नई दिल्ली में साफ कर दिया था कि पार्टी कन्नौज उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेगी, वहीं शाम होते-होते भाजपा ने भी इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा कर दी है।
दिग्विजय सिंह ने नई दिल्ली में कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2009 में हुए आम चुनाव में भी कन्नौज सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा था और पार्टी यहां हो रहे उपचुनाव में भी उम्मीदवार नहीं उतारेगी। देश की राजनीति में कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वन्द्वी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने देर शाम बताया है कि उनकी पार्टी कन्नौज लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
पार्टी चुनाव समिति की बैठक के बाद बाजपेयी ने कहा कि प्रदेश में हो रहे नगरीय चुनाव पार्टी की प्राथमिकता हैं और पार्टी ने कन्नौज लोकसभा सीट के लिये हो रहे उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
कन्नौज सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिये कल नामांकन की अंतिम तिथि है और फिलहाल प्रदेश की राजनीति में सपा की धुर प्रतिद्वन्दी बसपा भी वहां कोई उम्मीदवार देने के मूड में नहीं दिख रही है। कन्नौज में पार्टी का उम्मीदवार खड़ा किये जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश बसपा अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यहां कहा कि कन्नौज सीट पर उम्मीदवार खड़े करने के बारे में पार्टी मुखिया मायावती ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। कन्नौज लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने का कारण यह है कि पहले यह सीट अखिलेश यादव के पास थी मगर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तथा राज्य विधानपरिषद का सदस्य चुन लिए जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज के साथ ही फिरोजाबाद लोकसभा सीट से विजयी हुए थे मगर बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से इस्तीफा दे दिया था। अखिलेश के इस्तीफे के बाद फिरोजाबाद लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में डिम्पल पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं थीं मगर तब कांग्रेस के उम्मीदवार एवं अभिनेता से नेता बने राजब्बर ने उन्हें 85 हजार वोटों से हरा दिया था।
गौरतलब है कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अमेठी और रायबरेली में क्रमश: राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी के विरूद्ध उम्मीदवार नहीं उतारा था जबकि मैनपुरी और कन्नौज में क्रमश: सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव के विरूद्ध कोई कांग्रेसी उम्मीदवार मैदान में नहीं था। हालांकि फिरोजाबाद सीट पर कांग्रेस ने अखिलेश के विरूद्ध भी उम्मीदवार उतारा था। (एजेंसी)

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