कोडनानी को 28 साल की सजा, बजरंगी को उम्रकैद
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कोडनानी को 28 साल की सजा, बजरंगी को उम्रकैद

वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए नरोदा पाटिया दंगे में दोषी करार दिए गए 32 लोगों के खिलाफ यहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो
अहमदाबाद : वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए नरोदा पाटिया दंगे में दोषी करार दिए गए 32 लोगों के खिलाफ यहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया। अहमदाबाद की विशेष अदालत ने हिंसा के इस केस में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
वहीं, पूर्व वीएचपी नेता बाबू बजरंगी समेत 31 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। गौर हो कि माया कोडनानी गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री रह चुकी हैं।
इससे पहले, भाजपा विधायक और नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी एवं बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी सहित 32 लोगों को विशेष अदालत ने नरोदा पाटिया दंगे के सिलसिले में गुरुवार को दोषी करार दिया था। दंगे में अल्पसंख्यक समुदाय के 97 लोग मारे गए थे।
विशेष अदालत की न्यायाधीश ज्योत्सना याग्निक ने उन्हें षड्यंत्र और हत्या का दोषी करार दिया जबकि 29 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। नरोदा से तीन बार विधायक रही कोडनानी को मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है। गोधरा बाद के दंगे में सजा पाने वाली वह पहली महिला और पहली विधायक हैं।
कोडनानी और बजरंगी को भादंसं की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी करार दिया गया। अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की है। गौरतलब है कि गोधरा रेलगाड़ी हत्याकांड मामले में अदालत ने 31 लोगों को सजा सुनाई और 63 को बरी कर दिया। सरदारपुरा मामले में अदालत ने 31 को सजा सुनाई और 42 को बरी कर दिया जबकि दीप्दा दरवाजा मामले में 22 को सजा सुनाई और 61 को बरी कर दिया था।

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