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चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा में अपने नौ विधायकों के निलंबन का विरोध करते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने बाकी बजट सत्र के लिए उनका निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट किया। प्रश्नकाल के दौरान जब कांग्रेसी विधायकों की प्रश्न पूछने की बारी आई तो उन्होंने प्रश्न पूछे ही नहीं। नेता विपक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी के नौ विधायकों का निलंबन रद्द करने की मांग उठाई।
जाखड़ ने कहा, ‘बुधवार को जो भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा नहीं होना चाहिए था।’ हालांकि नेता विपक्ष ने सदन के समक्ष किसी भी तरह से न तो माफी मांगी न ही खेद जाहिर किया जबकि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी चाहते थे कि कांग्रेसी विधायक सदन के समक्ष माफी मांग लें। जाखड़ के नेतृत्व में हुए वॉकआउट के बाद कांग्रेसी सदस्य दिनभर की कार्यवाही से अलग रहे।
बादल ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि कांग्रेसी विधायक सदन और विधानसभा परिसर में अपने व्यवहार के लिए माफी मांग लें। अगर वे माफी मांग लेते हैं तो हमें नौ निलंबित विधायकों का निलंबन खत्म करने में कोई आपत्ति नहीं है।’ कांग्रेसी विधायकों के ‘असंसदीय बर्ताव’ पर संसदीय कार्यमंत्री मदन मोहन मित्तल जाखड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का जो प्रस्ताव लाए, उसे विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल ने विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया। विशेषाधिकार समिति को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।
उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि तरनतारन पुलिस द्वारा पीड़िता को पीटे जाने की घटना की तुलना जलियां वाला बाग कांड से करके कांग्रेस सदन को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। (एजेंसी)