एल्कोहल से बढ़ता है कैंसर का खतरा
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एल्कोहल से बढ़ता है कैंसर का खतरा

वैज्ञानिकों ने पाया है कि जब हमारे शरीर में एल्कोहल पहुंचने पर वह छोटे-छोटे भागों में टूटता है तो एक ऐसा यौगिक बनता है जो कि हमारे डीएनए को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका ज्यादा खतरा एशियाई लोगों को है।

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने पाया है कि जब हमारे शरीर में एल्कोहल पहुंचने पर वह छोटे-छोटे भागों में टूटता है तो एक ऐसा यौगिक बनता है जो कि हमारे डीएनए को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका ज्यादा खतरा एशियाई लोगों को है।
मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जब मानव शरीर बीयर, वाइन आदि में मौजूद एल्कोहल को पचाने के लिए तोड़ता है तो एसिटेल्डिहाइड नामक एक ऐसा रासायनिक पदार्थ बनता है जिसकी मूल संरचना फॉर्मेल्डिहाइड नामक पदार्थ जैसी होती है। फॉर्मेल्डिहाइड को मानव शरीर में कैंसरकारी पदार्थ माना जाता है।
प्रमुख अध्ययनकर्ता सिल्विया बैल्बो ने बताया, ‘‘एसिटल्डिहाइड इंसानों के डीएनए से जुड़ जाता है और फिर कई गुना बढ़ता जाता है। डीएनए से जुड़कर यह एसिटल्डिहाइड जैविक क्रियाओं में कुछ इस तरह बाधा पैदा करता है कि कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।’’
सिल्विया ने बताया कि लोगों में एक प्रभावी प्राकृतिक मरम्मत तंत्र भी होता है जो डीएनए के इस रूप से होने वाले नुकसान को ठीक करता है। इसलिए अधिकतर लोगों में इस वजह से कैंसर विकसित नहीं हो पाता। हालांकि एल्कोहल के सेवन से सेहत पर दूसरे बुरे प्रभाव तो पड़ते ही हैं। इसके अलावा अधिकतर लोगों में एल्कोहल डीहाइड्रोजिनेस नामक एक ऐसा एंजाइम होता है जो एसिटेल्डिहाइड को जल्दी से एसीटेट नामक रसायन में बदल देता है, जो कि कम हानिकारक होता है। इस अध्ययन को अमेरिकन कैमिकल सोसाइटी की 244 वीं राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। (एजेंसी)

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